केरल में 5 लाख लोग एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रस्त
केरल विधानसभा में बुधवार को बताया गया कि राज्य में पांच लाख लोग एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस(एएस) से जूझ रहे हैं

तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा में बुधवार को बताया गया कि राज्य में पांच लाख लोग एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस(एएस) से जूझ रहे हैं। विधानसभा में यह भी बताया गया कि इन मरीजों की पहचान और उपचार के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण फिलहाल ज्ञात नहीं हैं। इसको गठिया के एक प्रकार के रूप में पहचाना गया है, जिसमें रीढ़ के जोड़ों में लंबे समय तक सूजन रहती है।
सदन में इस मुद्दे को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक मुरली पेरुनल्ली ने उठाया। उन्होंने बताया कि कैसे एक 29 साल का असामान्य फिल्म निर्माता सिजो कन्नानैक्कल इस बीमारी से जूझ रहा है। हाल ही में कथकली पर सिजो की फिल्म को विश्व में खूब प्रशंसा मिली थी।
सिजो ने इस फिल्म को उनकी जिंदगी का एक प्रतिबिंब करार दिया था।
पेरुनल्ली ने कहा, "मैं उसे कई सालों से जानता हूं और वह लंबे समय से इस बीमारी से जूझ रहा है। मैं एकबार अचंभे में था, जब वह मुझसे मिलने के लिए आया और कहा कि क्या आप इस मुद्दे को विधानसभा में उठा सकते हैं। वह पहले की तुलना में काफी झुका हुआ लग रहा था और उसने कहा कि वह सीधा खड़ा होने में सक्षम नहीं है।"
पेरुनल्ली ने आईएएनएस को बताया कि अनुमान के मुताबिक, केरल में पांच लाख लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और इसका इलाज काफी महंगा है।
पेरुनल्ली ने कहा, "हालांकि दर्दनाशक इंजेक्शन उपलब्ध हैं, लेकिन वे बहुत महंगे हैं और कई लोगों की पहुंच से बाहर हैं। इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को साल में चार इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है जिसकी कीमत एक लाख रुपये है। यह उपचार सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।"
स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने सदन को बताया कि यह बीमारी 15 से 45 वर्ष उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है और इसका इलाज अधिकतर सर्जरी, फिजियोथेरेपी और दवाओं के माध्यम उपलब्ध है।
शैलजा ने कहा, "फिलहाल इसका उपचार केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ही उपलब्ध है और हम इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण कराने जा रहे हैं, जिसमें उन्हें मुफ्त उपचार दिया जाएगा। आज हमने 22 सरकारी संस्थानों में फिजियोथेरेपी सुविधा विस्तारित की है।"


