छग : फर्जी कस्टमर केयर बनकर ठगी करने वाले 5 गिरफ्तार
फर्जी कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बनकर साइबर ठगी करने वाले पांच शातिर बदमाशों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है

रायपुर। फर्जी कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बनकर साइबर ठगी करने वाले पांच शातिर बदमाशों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में चार जामताड़ा, देवघर झारखंड और एक आरोपित जालोर राजस्थान के रहने वाले हैं। पकड़े गए ठग लोगों को झांसा देकर एनीडेस्क एप उनके मोबाइल फोन में डाउनलोड करवाते थे। इसके बाद खातों से लाखों रुपये ट्रांजेक्शन कर एटीएम से निकाल लेते थे।
बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर को अपडेट करने और विभिन्न रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड कराकर लोगों को अपने झांसे में लेकर देश भर में ठगी करते थे। आरोपितों थाना पंडरी और पुरानी बस्ती में दर्ज प्रकरण में चारों प्रार्थियों से कुल 19 लाख 54 हजार 040 रुपये की ठगी की थी। इसमें पंडरी के मामले में पुलिस ने 11 लाख रुपये वापस करवा चुकी है।
आरोपितों ने गुजरात, उप्र, बिहार और वेस्ट बंगाल में ठगी की है। पुलिस ने दो दिन की रिमांड में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपितों के खाते की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं आरोपितों से ठगी की अन्य घटनाओं और गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
सोमवार को मामले का राजफाश करते हुए एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि प्रार्थी सुदर्शन जैन ने थाना पंडरी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि फोन-पे एप में अपना रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नंबर बदलने के लिए गूगल में सर्च कर कस्टमर केयर का मोबाइल नंबर पर फोन कर बात की। फोन धारक ने फोन में फे-सपोर्ट नामक एप डाउनलोड करने को कहा। प्रार्थी ने वैसा ही किया।
वहीं एप डाउनलोड होते ही प्रार्थी के अलग-अलग खाते से 14 लाखा 49 हजार 041 रुपये कट गए। इसी तरह एसकेएस इस्पात के मैनेजर को फोन कर एनी डेक्स एप डाउनलोड करवा कर एक लाख 91 हजार रुपये ठग लिए गए थे। इसकी तरह पुरानी बस्ती और पंडरी में के एक और मामले में ठगी की गई।
पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया। आरोपितों की पतासाजी के लिए जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उसकी पड़ताल की। जांच में कई अहम जानकारी मिली, जिसके बाद पुलिस आरोपितों को चिन्हांकित करने में सफल हुई।
टीम के सदस्यों द्वारा दुर्गापुर पश्चिम बंगाल पहुंचकर लगातार कैंप करते हुए आरोपितों की पड़ताल करने के बाद आरोपितों को पकड़ा गया। पांचों आरोपी दुर्गापुर में पहचान छिपा कर रह रहे थे। किराए पर मकान लेकर रखा था।
वहीं बैठकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपितों द्वारा उपयोग किए गए मोबाइल नंबर फर्जी होने के साथ ही बैंक खातों के पते भी दूसरे स्थानों के हैं। पुलिस ने रेड मार कार्रवाई की। जहां से एमडी आलम, दिनेश राय, प्रकाश राजवार, महेंद्र सिंह और रोहित कुमार यादव को पकड़ा गया। इनके पास कई मोबाइल फोन और बैंक के एटीएम कार्ड बरामद किए गए।
इस तरह करते हैं आनलाइन ठगी की वारदात :
पूछताछ में सामने आया कि उसने गूगल वेबसाइट पर गूगल पे कस्टमर केयर के नाम से अपने मोबाइल नंबर डाल रखे हैं। जब गूगल पे उपयोग करने वाले लोग किसी भी तरह जानकारी के लिए कस्टमर केयर पर बातचीत करते है। तब आरोपितों से संपर्क होता है। उसे ही गूगल पे का अधिकृत कस्टमर केयर प्रतिनिधि समझकर बात करते है। उसके कहने पर मोबाइल में एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाते हैं। इसके बाद लोगों के खाते से एक रुपये का ट्रांजेक्शन करवाकर विश्वास में लेने के बाद खातों से जमा पूंजी को अपने खाते में ट्रांजेक्शन कर लेता है। फिर एटीएम व पीओएस मशीन से विड्राल कर लेते है।
इनकी गिरफ्तारी
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एमडी आलम निवासी झारखंड, हाल पता विधान नगर निरामोय हास्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।
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दिनेश राय निवासी झारखंड, हाल पता विधान नगर निरामोय हास्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।
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प्रकाश राजवार निवासी झारखंड, हाल पता विधान नगर निरामोय हास्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।
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महेंद्र सिंह निवासी राजस्थान, हाल पता प्रत्युंजय हाउसिंग बी-20 मुटीपारा दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।
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रोहित कुमार यादव निवासी देवघर झारखंड, हाल पता विधान नगर निरामोय हास्पिटल के पास दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)।
16 मोबाइल फोन और 151 सिम, 11 एटीएम कार्ड जब्त
आरोपितों के कब्जे से 16 नग मोबाइल फोन, अलग-अलग कंपनियों के 151 सिम कार्ड और अलग-अगल बैंको के 11 नग एटीएम कार्ड जब्त किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि सिम कार्ड अलग-अलग लोगों के नाम की है। वहीं खाते ही ठगों ने उधार में लिए थे। जिसके खाते रहते हैं उनको पांच से 10 हजार रुपये की रकम दी जाती है। बदले में उनके एटीएम कार्ड सहित अन्य जानकारी खुद रखते हैं।


