Top
Begin typing your search above and press return to search.

रेलवे की 484 परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में हैं : केंद्र

इस साल अप्रैल तक 51,165 किलोमीटर लंबी और 7.53 लाख करोड़ रुपये की कुल 484 रेलवे परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में हैं

रेलवे की 484 परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में हैं : केंद्र
X

नई दिल्ली। इस साल अप्रैल तक 51,165 किलोमीटर लंबी और 7.53 लाख करोड़ रुपये की कुल 484 रेलवे परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में हैं, जबकि 2.14 लाख करोड़ रुपये की 10,638 किलोमीटर की रेल परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। संसद को शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, इस साल 1 अप्रैल तक, लगभग 7.53 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 51,165 किलोमीटर की 484 रेलवे परियोजनाएं योजना या मंजूरी या निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं, जिनमें से 10,638 किलोमीटर लंबी लाइन चालू हो चुकी है। इन पर मार्च, 2021 तक 2.14 लाख करोड़ रुपये का व्यय आया है।

उन्होंने कहा कि किसी भी रेलवे परियोजना का पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे राज्य सरकार द्वारा त्वरित भूमि अधिग्रहण, वन विभाग द्वारा मंजूरी, लागत साझा करने वाली परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा लागत हिस्सेदारी जमा करना, परियोजनाओं की प्राथमिकता, उल्लंघन करने वाली उपयोगिताओं को स्थानांतरित करना, वैधानिक विभिन्न प्राधिकरणों से मंजूरी, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थिति, परियोजना स्थल के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों के कारण विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य महीनों की संख्या आदि। ये सभी कारक परियोजना के पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि रेलवे परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

रेल मंत्री ने कहा, 2014-21 के दौरान, 17,720 किमी लंबाई (3,681 किमी नई लाइनें, 4,871 किमी गेज परिवर्तन और 9,168 किमी पटरियों का दोहरीकरण) प्रतिवर्ष औसतन 2,531 किमी पर चालू की गई हैं, जो 2009-14 (1,520 किमी प्रतिवर्ष) के दौरान औसत कमीशनिंग से 67 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि 2014-19 के दौरान रेलवे में नई लाइनों, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण कार्यों के लिए औसत वार्षिक बजट आवंटन 2009-14 के दौरान प्रतिवर्ष 11,527 करोड़ रुपये से बढ़कर 26,026 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष हो गया है, जो 2009-14 के औसत वार्षिक बजट परिव्यय से 126 प्रतिशत अधिक है।

मंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इन परियोजनाओं के लिए वार्षिक बजट आवंटन 43,626 करोड़ रुपये रहा, जो 2009-14 के औसत वार्षिक बजट परिव्यय से 278 प्रतिशत अधिक है।

वर्ष 2021-22 के लिए, इन कार्यों के लिए अब तक का सर्वाधिक 52,498 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय प्रदान किया गया है, जो 2009-14 के औसत वार्षिक बजट परिव्यय के संबंध में 355 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को युक्तिसंगत तरीके से बजट परिव्यय प्रदान किया गया है और उन परियोजनाओं को बजट आवंटित किया गया है जो पूर्णता के अग्रिम चरण में हैं। इनमें प्राथमिकता वाली परियोजनाएं, महत्वपूर्ण नई लाइन और राष्ट्रीय परियोजनाएं, निष्पादन योग्य और महत्वपूर्ण गेज परिवर्तन परियोजनाएं शामिल हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it