45.28 प्रतिशत मतदाताओं ने डाले वोट
रविवार को जिले में शान्तिपूर्वक मतदान सम्पन्न हो गया

गाजियाबाद। रविवार को जिले में शान्तिपूर्वक मतदान सम्पन्न हो गया। वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की वजह से एक दर्जन से अधिक बूथों पर हंगामा हुआ। पुलिस ने समझाकर लोगों को शान्त कर दिया। प्रशासन की रिपोर्ट पर गौर करें तो पूरे जिले में 46 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिले में कुल 21 लाख 62 हजार वोटर है। अकेले नगर निगम क्षेत्र में साढ़े तेरह लाख वोटर है।नगर निगम गाजियाबाद के सौ वार्डो में कुल 40.12 प्रतिशत मतदान हुआ है।
यहां पर कुल 545286 लोगों ने ही वोट डालें।नगर निगम के कुल 302859 पुरुषों ने और 242427 महिलाओं ने वोट डाले। जिले में कुल 540923 पुरुष और 438032 महिलाओं ने वोट डालें। कुल 978955 ने ही वोट डाला। खोडा में 52.21 प्रतिशत, मुरादनगर में 68.34 प्रतिशत, मोदीनगर में 59.85 प्रतिशत, लोनी में 49.53 प्रतिशत, डासना में 59.37 प्रतिशत,पतला में 75.34 प्रतिशत, फरीदनगर में 69.78 प्रतिशत और नगर पंचायत निवाडी में 46.95 प्रतिशत मतदान हुआ है। मेयर का ताज किसके सिर सजेगा इसका फैसला तो एक दिसम्बर को होगा लेकिन सभी उम्मीदवारों की सांसे थम गई है।
वोट को लेकर युवाओं में ही नहीं बुजर्गों में भी उत्साह देखने को मिला। महिलाओं ने भी खूब वोट डाले। पॉश इलाकों में कम लोग वोट डालने निकले तो पिछड़ी कॉलोनियों में वोट डालने के लिए भारी उत्साह रहा और लाइनों में लगकर लोगों ने वोट डाले। सांसद वी के सिंह के अलावा प्रदेश के राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने परिवार के साथ वोट डाला। मेयर की चारों मुख्य महिला उम्मीदवारों ने भी वोट डाला। निगम क्षेत्र में कुल साढे तेरह लाख मतदाताओं में से करीब आठ लाख लोगों ने मत नहीं डाला।
इनमें करीब साढ़े सात लाख पुरूष वोटर थे और सवा छह लाख महिला वोटर। मेयर की सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लडा। मुख्य मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार आशा शर्मा,बसपा उम्मीदवार मुन्नी चौधरी,सपा उम्मीदवार राशि गर्ग और कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा रही। यही नही आप उम्मीदवार प्रगति त्यागी के अलावा रालोद उम्मीदवार कुसुम राघव भी चुनाव मैदान में रही।
लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चुनाव अधिकारी थे मुस्तैद
गाजियाबाद निकाय चुनाव महत्वूर्ण माना जाता है। पुलिस और प्रशासन के लिए चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्ष कराना चुनौती रहता है। इसे देखते हुए शासन स्तर से अधिक सावधानी बरतने के आदेश जारी किए गए। निकाय चुनाव में पहली बार वेब कैमरों का इस्तेमाल किया गया। निकाय चुनाव की निगरानी पहली बार वेब कैमरे से की गई। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठे चुनाव अधिकारियों ने चुनाव की पल-पल की जानकारी आसानी से ली।
इसी के साथ सीसीटीवी कैमरे से भी हर गतिविधि पर नजर रखी गई। प्रशासन ने सभी नौ निकाय के अतिसंवेदनशील और संवेदनशील बूथों पर वेब कैमरे लगए थे। इन सभी केंद्रों पर पीएसी तैनात की गई। जनपद के सभी निकायों में 174 केंद्र संवेदनशील, 154 केंद्र अतिसंवेदनशील और 41 अति संवेदनशील (+) केंद्र थे। इनमें गाजियाबाद शहर में ही 89 केंद्र संवेदनशील, 49 केंद्र अतिसंवेदनशील और 25 अतिसंवेदनशील (+) केंद्र चिह्नित किए गए थे।
निगम क्षेत्र में 21, मोदीनगर में छह, मुरादनगर में छह, लोनी में 10, खोड़ा में सात, निवाड़ी में दो, पतला में दो, फरीदनगर में दो, डासना में दो रिटर्निंग अधिकारी तैनात किए गए। गाजियाबाद शहर में 43, मोदीनगर में सात, मुरादनगर में सात, लोनी में 11, खोड़ा में तीन, निवाड़ी में तीन, पतला में तीन, फरीदनगर में तीन और डासना में तीन सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को लगाया गया, ताकि चुनाव में किसी प्रकार की बाधा पैदा न हो। अतिसंवदेनशील और संवेदनशील केंद्रों पर वेब कैमरे लगाए जाने से दिल्ली और लखनऊ में बैठे चुनाव आयोग के अधिकारियों ने ऑनलाइन चुनाव की जानकारी हासिल की। सूत्रों ने बताया कि अधिकारी वहीं से दिशा निर्देश देते रहे।


