Top
Begin typing your search above and press return to search.

नौकरी दिलाने के नाम पर 45 लाख की ठगी

बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 150 छात्रों से लगभग 45 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है

नौकरी दिलाने के नाम पर 45 लाख की ठगी
X

गाजियाबाद। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 150 छात्रों से लगभग 45 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है। वैशाली सेक्टर-1 स्थित प्लेसमेंट कंपनी पर शनिवार से ताला बंद है। कंपनी प्रबंधन के सभी अधिकारी मोबाइल बंद कर फरार हैं। ठगी का शिकार छात्रों ने मंगलवार को इंदिरापुरम थाने में शिकायत दी।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। झांसी निवासी प्रियंका तिवारी गाजियाबाद के पटेल नगर में रहतीं हैं। प्रियंका ने बताया कि उन्होंने एक कंपनी की वेबसाइट पर नौकरी के लिए पंजीकरण करा रखा है। पिछले महीने वैशाली सेक्टर-1 स्थित एक प्लेसमेंट कंपनी से फोन आया। उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। वहां एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी के लिए फोन पर उनका इंटरव्यू कराया गया। इसके बाद उन्हें इंटरव्यू में पास बताकर 6.50 लाख रुपए का सालाना पैकेज ऑफर किया गया। फिर बॉन्ड के रूप में 25 हजार रुपए और सत्यापन शुल्क के रूप में पांच हजार रुपए जमा कराए गए। एक नवम्बर तक ऑफर लेटर देने की बात कही गई, मगर उन्हें एक नवम्बर को पत्र नहीं मिला।

जब वह शनिवार को वैशाली स्थित दफ्तर पहुंची, तो पता चला कि कंपनी बंद है और कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों का नंबर भी बंद है। इंदिरापुरम थाने में मंगलवार को पहुंचे छात्रों ने बताया कि कंपनी ने 150 छात्रों का इंटरव्यू कराया था। इस दौरान सभी छात्रों से बांड और सत्यापन शुल्क के नाम पर 30-30 हजार रुपए जमा कराए गए थे। छात्रों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी 150 छात्रों से 45 लाख रुपए लेकर फरार हो गए हैं।

कंपनी की वेबसाइट बंद होने से शक हुआ

पीड़ित छात्र त्रिशांत ने बताया कि ऑफर लेटर और कंपनी के बारे में जानकारी के लिए वह रोजाना कंपनी की साइट देखते थे। शनिवार से अचानक वेबसाइट बंद हो गई, फिर उन्होंने कंपनी में फोन किया, तो नंबर नेटवर्क से बाहर बताया गया। सोमवार को अधिकारियों को फोन किया तो उनका नंबर बंद मिला। शक होने पर साथ में इंटरव्यू देने वाले साथियों से संपर्क किया। इसके बाद वे कंपनी पर पहुंचे तो कंपनी पर ताला बंद मिला। त्रिशांत ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। उन्होंने वेबसाइट की पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि कंपनी की वेबसाइट अमेरिकी डोमेन पर बनाई गई थी। कंपनी के अधिकारियों ने दो माह सात दिन के लिए डोमेन उधार लेकर यह वेबसाइट बनाई थी।

उप्र और दिल्ली के छात्रों ने किया था आवेदन

कंपनी में आवेदन करने वाले छात्र गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली समेत अन्य शहरों के रहने वाले हैं। छात्रों ने सहायक प्रबंधक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, हार्डवेयर इंजीनियर समेत अन्य पदों के लिए आवेदन कर रखा था।

बेरोजगारी के चलते झांसे में आए

पीड़ित छात्रों ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद से उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी। इसलिए उन्होंने नौकरी दिलाने वाली एक साइट पर पंजीकरण करा रखा था। वैशाली स्थित कंपनी की तरफ से ऑफर मिला तो 30 हजार रुपए के लिए उन्होंने नौकरी को नहीं ठुकराया। इसी के चलते वे कंपनी अधिकारियों के झांसे में आ गए।छात्रों की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है। कंपनी अधिकारियों के नंबर बंद हैं। उनकी तलाश जारी है।
आरके मिश्रा, सीओ इंदिरापुरम


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it