जिला अस्पताल में 42 बिस्तरों का बच्चा वार्ड तैयार सेवाएं शुरू
राजधानी रायपुर के जिला अस्पताल में बच्चों के लिए 42 बिस्तरों का अलग वार्ड बनकर तैयार हो चुका है

रायपुर। राजधानी रायपुर के जिला अस्पताल में बच्चों के लिए 42 बिस्तरों का अलग वार्ड बनकर तैयार हो चुका है। बाल रोगियों को अस्पताल में भर्ती करके इलाज गुरुवार से शुरू कर दिया गया।
वहीं कालीबाड़ी मातृ एवं शिशु अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र एनआरसी के लिए 10 और नवजात शिशु विशेष चिकित्सा इकाई एसएनसीयू में 10 बिस्तरों कुल 20 बिस्तर बढ़ाने की अनुमति के बाद शासन ने फंड भी जारी कर दिया है।
कालीबाड़ी अस्पताल में बच्चों के लिए बढ़ेंगे 20 बिस्तर
जिला अस्पताल पंडरी में कोरोना काल के बाद अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी मरीजों की संख्या 200 से बढक़र अब 650 तक पहुंच गई है। वहीं कालीबाड़ी मातृ एवं शिशु अस्पताल में हर दिन 100 की जगह 250 लोग ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच गए हैं। ओपीडी बढऩे के साथ ही गंभीर रोगियों की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में बिस्तरों और वार्ड का विस्तार किया गया है। पंडरी में बच्चों के लिए 42 बिस्तरों का अलग वार्ड तैयार किया गया। इसमें चार आइसीयू आठ एचडीयू और 30 सामान्य बिस्तर हैं।
220 बिस्तरों का हुआ अस्पताल
बता दें कि जिला अस्पताल पंडरी और कालीबाड़ी दो परिसर में संचालित किए जाते हैं। पंडरी जिला अस्पताल में 120 बिस्तर हो चुके हैं। वहीं मातृ एवं शिशु अस्पताल कालीबाड़ी में 100 बिस्तर हैं। पंडरी में बच्चों के लिए वार्ड शुरू होने से उन्हें लाभ मिलेगा लेकिन मातृ एवं शिशु अस्पताल में रोगी बच्चों को भर्ती करने के लिए वार्ड नहीं है।
मैनपावर की संकट की वजह से व्यवस्था नहीं बन पा रही है। मिली जानकारी के अनुसार कालीबाड़ी मातृ एवं शिशु अस्पताल में 14 बिस्तरों का आइसीयू बनाने की योजना हे लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है।
दो पालियों में चल रही ओपीडी
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि अस्पताल में दो पालियों में ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। पहली पाली में सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक ओपीडी का संचालन हो रहा है। दूसरी पाली में शाम चार बजे से छह बजे तक ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं संचालक के निरीक्षण के बाद दोनों पालियों में चिकित्सकों की मौजूदगी के लिए निर्देश दिए गए हैं।


