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बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या हुई 418

बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी भले ही निकलने लगा हो, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है

बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या हुई 418
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पटना। बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी भले ही निकलने लगा हो, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है।

पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 39 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 418 तक पहुंच गई है। बिहार में बाढ़ से 1़ 67 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, "बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 186 प्रखंडों की 1़ 61 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।"

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 39 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 418 तक पहुंच गई है।

अररिया में सबसे ज्यादा 87 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 26, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 43, शिवहर में चार, सुपौल में 16, मधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सहरसा में आठ, मुजफ्फरपुर में सात, समस्तीपुर में दो तथा खगड़िया और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। यहां से किसी की मौत की सूचना नहीं है।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

एक अधिकारी के मुताबिक, "राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शिविरों में शरण लिए हुए लोग अब अपने घर लौटने लगे हैं। इस कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है। फिलहाल 368 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें करीब 1़59 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,403 सामुदायिक रसोई चल रही हैं।"


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