गर्मी के 4 महीने गोदी-डबरी के पानी का ही सहारा
एक ओर विकास की रफ्तार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाने की बात कहते हुए सरकार गांव-गांव जनसंपर्क यात्रा निकाल कर घर-घर कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचा रही है

कोरबा-छुरीकला। एक ओर विकास की रफ्तार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाने की बात कहते हुए सरकार गांव-गांव जनसंपर्क यात्रा निकाल कर घर-घर कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचा रही है। दूसरी ओर ऐसे दर्जनों गांव आज भी हैं जो गर्मी के मौसम में पानी के लिए त्राहि-त्राहि करने पर विवश होते हैं।
इन्हीं गांवों में शामिल है छोटा सा गांव गांगपुर जहां के लोग आज भी पेयजल के लिए गोदी-डबरी का सहारा ले रहे हैं।
कटघोरा विधानसभा के नगर पंचायत छुरीकला के अंतर्गत ग्राम पंचायत छुरीखुर्द के अधीन ग्राम गांगपुर जो कि पिछड़ा वर्ग बाहुल्य है और यहां की आबादी लगभग 800 की है। यहां के लोग प्राय: रोजी-मजदूरी कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।
इस गांव के लोगों को गर्मी के प्रारंभ से लेकर चरमसीमा तक पहुंचने और गर्मी खत्म होने तक चार माह पेयजल की भीषण समस्या से जूझना पड़ता है। इनके लिए गोदी-डबरी का पानी ही एकमात्र सहारा तो है किन्तु पानी अपर्याप्त होने से समस्या और विकराल होने लगी है।
ग्रामीणों के मुताबिक यहां की पेयजल समस्या को आज तक दूर नहीं किया जा सका है, जिसके कारण उनके लिए कोई भी अभियान बेमानी साबित होता है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2010-11 में पीएचई द्वारा लाखों रूपया खर्च कर बोर खोदा गया व पाइप लाईन बिछायी गई लेकिन घरों तक पानी पहुंचाने की योजना प्यास बुझने से पहले समाप्त हो गई। खोदा गया बोर कबाड़ में तब्दील हो गया। पूरे गांव में विभाग द्वारा 14 हैण्डपंप लगवाए गए हैं जिनमें से कई बंद पड़े हैं तो कुछ में जलस्तर नीचे चले जाने से काम के नहीं रह गये। गांव में 2-3 कुंए भी हैं जो गांव से बाहर और दूर होने से साफ-सफाई के अभाव में उपयोग लायक अब नहीं रहे।


