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सोशल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने प्रेस्टीज में 4 दिवसीय कार्यशाला कल से

प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान में चार दिवसीय 9वीं राष्ट्रीय रिसर्च मेथेडोलोजी वर्कशॉप  का आयोजन 24 अगस्त से किया जा रहा है

सोशल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने प्रेस्टीज में 4  दिवसीय कार्यशाला कल से
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ग्वालियर। प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान में चार दिवसीय 9वीं राष्ट्रीय रिसर्च मेथेडोलोजी वर्कशॉप का आयोजन 24 अगस्त से किया जा रहा है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सोशल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देना है। यह जानकारी संस्थान के निदेशक डॉ. एस एस भाकर ने आज पत्रकार वार्ता में दी।

उन्होंने कहा कि वैष्विक स्तर पर जितने भी शोध किये जारहे हैं चाहे वे उद्योगों के लिये हो या शक्षणिक संस्थानों के लिए इसमे भारत का योगदान अपेक्षा से काफी कम है। इसके मुख्य कारण शोधार्थियों को शोध की महत्ता से अनभिज्ञ होना है। शोध एक विषय मात्र न होकर एक प्रक्रिया है जो समस्या निर्धारण से लेकर उसके योगदान एवं उपचार तक कि जानकारी देने एवं सहायक तथ्य समाज के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ड़ॉ भाकर ने कहा देश मे साइंस के छेत्र में रिसर्च ज्यादा होते है जो महत्व रखता है।

पी एच डी के छात्रों और कॉलेजो में पढ़ा रहे प्रोफेसर्स के लिए ऐसे वर्कशॉप मददगर साबित होते हैं। पिछली कार्यशालाओं का जिक्र करते हुए डॉ भाकर ने बताया कि पुरस्कृत शोध पत्रों की बुक का सेकड़ो प्रोफेसर व छात्र ऑन लाइन उपयोग कर चुके हैं। ये शोध पत्र कई जनरल में भी प्रकाशित हुए है। चार दिवसीय कार्यशाला में भी लगभग 20 पेपर तैयार किया जा रहे हैं। हर प्रतिभागी को रिसर्च पेपर दिया जाएगा। एक प्रश्न के उत्तर में ड़ॉ भाकर ने कहा कि भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने शोध को लेकर नीति में कुछ बदलाव किया है।

जो एसोसिएट प्रोफेसर की पदोन्नति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा मेरे विचार से टीचिंग में भी रिसर्च का बड़ा महत्व है। 24 अगस्त को उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि अटल विहारी वाजपई प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर प्रो एस जी देशमुख, विशिष्ट अतिथि प्रो जे पी वर्मा एलएनआईपीई होंगे। 27 अगस्त को समापन सत्र के मुख्य अतिथि एमआई टी एस के डायरेक्टर प्रो आर के पंडित होंगे। इस मौके पर वर्कशॉप की कॉर्डिनेटर ड़ॉ ऋचा बनर्जी, ड़ॉ नंदन वेलंकर,ड़ॉ राहुल प्रताप सिंह कौरव एवं परमानन्द शर्मा वार्ता में मंचासीन थे। वर्कशॉप में देश के कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी एवं शिक्षण संस्थानों के लगभग 100 शोधार्थी व प्राध्यापक भाग लेंगे।


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