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38 हाथियों का दल घुसा, रौंदी 28 किसानों की फसल

 कोरबा वन मंडल से होते हुए कटघोरा वन मंडल के जंगलों में पहुंचा हाथियों का एक दल उत्पात मचा रहा है

38 हाथियों का दल घुसा, रौंदी 28 किसानों की फसल
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कोरबा। कोरबा वन मंडल से होते हुए कटघोरा वन मंडल के जंगलों में पहुंचा हाथियों का एक दल उत्पात मचा रहा है। दल मेंं शामिल 38 हाथियों के द्वारा ग्राम मातिन में 28 किसानों की कटने के लिए तैयार पकी फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। धान को हाथी चट कर गए। हाथियों को खदेड़ने के लिए 4 वन परिक्षेत्र का अमला तैनात किया गया है।

जानकारी के अनुसार कोरबा वन मंडल के बालको वन परिक्षेत्र में पिछले सप्ताह भर से मौजूद हाथियों का 38 सदस्यीय दल हसदेव नदी पार कर कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले ऐतमा रेंज में पहुंचा। 18 नवंबर को यह दल जटगा रेंज के जंगल में दिखाई दिया था। इस दल ने मातिन के जंगल से लगे खेतों में जमकर उत्पात मचाया। मातिन के 28 किसानों की तैयार फसल को न सिर्फ तहस-नहस किया बल्कि धान की बालियों को भी चट कर गए। हाथियों से किसानों को लगभग 5 लाख का नुकसान होना अनुमानित बताया जा रहा है।

हालांकि वन और राजस्व विभाग द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। दूसरी ओर मातिन में हाथियों की मौजूदगी और इनके आक्रामक होने की संभावना को देखते हुए इन्हें आबादी क्षेत्र से खदेड़ने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। सूचना पर एसडीओ वन श्रीमती प्रेमलता यादव, वन क्षेत्रपाल एमएस मरकाम सहित वन कर्मियों का अमला मौके पर पहुंचकर हाथियों पर लगातार रख रहे हैं साथ उन्हें खदेड़ने जुटा हुआ है।

समाचार लिखे जाने तक वन परिक्षेत्र जटगा, पसान, ऐतमानगर व केंदई के वन क्षेत्रपाल एवं अमले के द्वारा हाथियों को खदेड़ने का कार्य किया जा रहा था। एक अन्य जानकारी के मुताबिक हाथियों का एक दल कोरबा वन मंडल के करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत कलदामार व भेलवाटार के जंगल में डटा हुआ है।

गड्ढे में गिरे शावक को निकाला

बताया गया कि हाथियों के इस दल में शामिल एक शावक गड्ढे में गिर कर अपने लोगों से बिछड़ गया था। सोमवार की सुबह करीब 7 बजे ग्राम नवापारा के पास गड्ढे में गिरे इस शावक पर वन सुरक्षा दल की नजर पड़ी और वन क्षेत्रपाल मंगल सिंह ने अन्य कर्मियों के साथ मिलकर इसे बाहर निकाला।

शावक को ग्राम धवलपुर के पास मौजूद उसके दल से मिलाने का प्रयास किया गया। वन क्षेत्रपाल एमएस मरकाम ने बताया कि शावक को हाथियों के साथ छोड़ दिया लेकिन लगभग 2 घंटे बाद वह शावक फिर अकेला मिला, जिसे छोड़कर दल आगे बढ़ गया।

उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद उनके मार्गदर्शन में शावक को अपने पास रख लिया गया है। फिलहाल वन कर्मियों की देख रेख में यह शावक है। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह विभागीय अधिकारियों का एक दल जटगा पहुंचेगा और शावक का परीक्षण उपरांत उसे अन्यत्र भेजने पर निर्णय लिया जाएगा।


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