3700 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने अदालत से लिया रिमाण्ड
लखनऊ ! उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा में फर्जी कंपनी बनाकर 3700 करोड़ की धोखाधडी के मामले में स्थानीय पुलिस ने अदालत से रिमाण्ड लिया है।

लखनऊ ! उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा में फर्जी कंपनी बनाकर 3700 करोड़ की धोखाधडी के मामले में स्थानीय पुलिस ने अदालत से रिमाण्ड लिया है।
एसटीएफ प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कल कंपनी के पांच ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी की पत्नी के नाम कानपुर के मकान को सील करने के अलावा अन्य स्थानों पर तलाशी ली थी। एसटीएफ ने आज कंपनी के बैंकों खातों की जानकारी प्राप्त कर उनमें जमा की गयी धनराशि एवं निकाली गयी धनराशि का आंकलन किया।
उन्होंने बताया कि फर्जी प्रतीत हो रहे संस्थानों एवं कम्पनियों के पते का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। जांच के दौरान कम्पनी के लगभग 10 खातों की जानकारी प्राप्त हो गयी है तथा अन्य खातों की भी छानबीन की जा रही है। एसटीएफ से मिली सूचना के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कल पांच स्थानों पर कार्रवाई करते हुए नोएडा के सेक्टर-64 में एक शिपिंग कंटेनर के बराबर जूते के कार्टन माल को सीज किया गया था।
प्रवक्ता के अनुसार होटल क्राॅउन प्लाजा के कर्मियों से बातचीत की गयी और प्रमोशनल इंवेट के सम्बन्ध में विवरण प्राप्त किया गया। उन्होंने बताया कि इस कम्पनी ने कई सरकारी संस्थानों जैसे दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम, एच0डी0एफ0सी0 बैंक, गलगोटिया काॅलिज, विन टोरोन, वुडहिल, कोका कोला इत्यादि संस्थानों का उल्लेख किया गया है। इस प्रकरण में जानकारी करने पर एक संस्थान गलगोटिया काॅलिज से एसटीएफ को जानकारी मिली है कि उनका कंपनी से किसी प्रकार का कोई वास्ता नहीं है और न ही किसी प्रकार का लेना देना है ।
कम्पनी द्वारा निवेशकों के साथ किये जा रहें धोखाधडी के स्पष्ट प्रमाण मिल रहे हैं। अन्य संस्थानों से भी सम्पर्क कर इस कम्पनी से लेनदेन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है। इस सिलसिले में नोएडा के फेज-3 थाने में दर्ज मुकदमें में स्थानीय पुलिस द्वारा रिमाण्ड प्राप्त किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लखनऊ मे दर्ज कराये गये वाद में न्यायालय के समक्ष प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलित है।


