33 करोड़ की विद्युत विस्तार योजना 4 साल में ही फेल
शहर में 33 करोड़ की विद्युत विस्तार योजना चार साल में ही फेल हो गई

अंबिकापुर। शहर में 33 करोड़ की विद्युत विस्तार योजना चार साल में ही फेल हो गई। योजना के विस्तार के लिए जब काम चल रहा था तब इसे लेकर विरोध प्रदर्षन और षिकायतें हुई लेकिन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा।
पूरा शहर इस लापरवाही का खमियाजा भुगत रहा है। हवा चलने पर कहीं तार टूट जा रहे हैं तो कहीं सब स्टेषन में फाल्ट से चार-पांच घंटे बिजली बंद हो जा रहीं है। गर्मी में चार-पांच घंटे बिजली गुल रह रही है।
चार साल पहले ही पुराने खंभे, तार, और ट्रासफार्मर और सब स्टेषन ठीक कराए गए थे और इसी में रोज फाल्ट आ रहा है। शाम चार बजे से लेकर छह बजे के बीच तीन बार लाइट गुल हुई।
सुधार के बाद बिजली चालू हुई ही थी कि सात बजे फिर गुल हो गई और टाउन फीडर वाले कलेक्टोरेज, सहित कई इलाकों में देर रात बिजली आई कई क्षेत्रों में बिजली बंद रही।
व्यवस्था जल्द नहीं सुधारी तो बरसात में बढ़ेगी परेशनी
शहर में बिजली की जिस तरह से व्यवस्था ध्वस्त हो गई है अगर ठीक नहीं हुई तो बरसात में समस्या और बढ़ेगी। बेमौसम आंधी, पानी ने विभाग की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। मेंटनेंस ने नाम पर हर साल लाखों रूपए खर्च किए जा रहे है और बारिष शुरू होने से पहले ही सिस्टम ध्वस्त हो जा रहा है।
पानी सप्लाई रोज प्रभावित
बिजली व्यवस्था खराब होने से शहर के कई इलाकों में पानी सप्लाई प्रभावित हो गई है। बिजली गुल होने से टंकियां नहीं भर पा रहीं है। 15 से अधिक टंकिया है जिससे शहर में सप्लाई की व्यवस्था है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जनरेटर लगाए है पर अफसरों का कहना है कि दिन भर जनरेटर नहीं चला सकते।
भाजपा पार्षदों ने जल संकट को लेकर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंप 5 दिनों में व्यवस्था नहीं सुधरने का आंदोलन का अल्टीमेट दिया था पर समस्या दूर नहीं हुई। शहर में विद्युत विस्तार के अधूरे काम भी अब तक पूरे नहीं हुए।
33 करोड़ विद्युत विस्तार के लिए स्वीकृत हुए थे। प्रदेष की बाहर की एक कंपनी को ठेका मिला था। इस राषि से भी पुराने खंभे, तार और ट्रांसफार्मर बदले जाने थे। कई क्षेत्रों में काम अधूरा छोड़कर कंपनी वापस लौट गई और विभाग उसके बाद काम नहीं करा सका।
इधर बांस के खंभो से नहीं उतर रही बिजली, निगम और सीएसईबी के चक्कर काट रहे लोग बिजली विभाग की लापरवाही के कारण कई मोहल्लों में अभी भी बांस के खंभो से बिजली के तार उतर पा रहे है। जहां खंभे नहीं गड़े है वहां लोगों ने अपनी सुविधा के हिसाब से बांस गाड़कर तार खींच रखे है। बारिष में जहां इस तरह से तार गुजरे है वहां डर रहता है।


