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316 करोड़ की ई-स्टाम्प की बिक्री

पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ई-स्टांप सुविधा का जनता जमकर लाभ उठा रही है....

316 करोड़ की ई-स्टाम्प की बिक्री
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रायपुर। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ई-स्टांप सुविधा का जनता जमकर लाभ उठा रही है। ई-स्टाम्प के लिए जनता का रुझान इसी बात से पता चलता है कि वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड 315.99 करोड़ मूल्य के ई-स्टांप निर्गत किये गये । वहीं वर्ष 2015-16 में कुल 94.83 करोड़ मूल्य के ई-स्टाम्प निर्गत किये गये थे। इसके साथ ही बिलासपुर उच्च न्यायालय में ई-कोर्ट फी स्टाम्प के माध्यम से 1.28 करोड़ रुपये की राशि न्यायालीन शुल्क का भुगतान किया गया । उल्लेखनीय है कि ई-कोर्ट फी स्टाम्प के माध्यम से कोर्ट फीस का भुगतान सुविधा देने वाला देशभर में दिल्ली के बाद छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है।
ई-स्टाम्प सुविधा का शुभारंभ रायपुर में दिनांक 6 दिसंबर 2013 को किया गया था। ई-स्टांप का उपयोग करने से स्टाम्पों की छपाई, परिवहन पर होने वाले व्यय की बचत हो रही है। इसके साथ ही ई-स्टाम्प के उपयोग से स्टाम्प वेण्डरों को स्टाम्पों की बिक्री पर दिया जाने वाले कमीशन की करोड़ों रुपये की राशि की बचत होती है। उल्लेखनीय है कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग द्वारा ई-स्टाम्पिंग की सुविधा ई-गवर्नेंस की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्टाम्पों की आपूर्ति इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से करने के लिए शुरु की गयी थी।
कैसे ले सकते हैं सुविधा- राज्य के समस्त जिलों में ई-स्टांप सुविधा केंद्रों एवं प्राधिकृत संग्रहण केंद्रों के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। ई-स्टाम्प भौतिक स्टाम्प पेपर के स्थान पर कम्प्यूटर जनित एक ई-स्टाम्प सर्टिफिकेट होता है जिसका ऑनलाईन सत्यापन भी किया जा सकता है। ई-स्टाम्प के माध्यम से किसी भी मूल्य राशि के स्टाम्प शुल्क को एकल स्टाम्प सर्टिफिकेट के माध्यम से चुकाया जा सकता है।इस प्रकार ई-गवर्नेंस की दिशा में ई-स्टाम्पिंग की सुविधा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


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