उप्र के 3000 खेत मजदूर शामिल होंगे दिल्ली रैली में
अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर नौ अगस्त को दिल्ली में होने वाली रैली में उत्तर प्रदेश से 3000 से अधिक खेत मजदूर हिस्सा लेंगे। यह निर्णय यूनियन की राज्य कौंसिल की बैठक में लिया गया

लखनऊ। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर नौ अगस्त को दिल्ली में होने वाली रैली में उत्तर प्रदेश से 3000 से अधिक खेत मजदूर हिस्सा लेंगे। यह निर्णय यूनियन की राज्य कौंसिल की बैठक में लिया गया।
गुरुवार को बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए महासचिव बी.एल. भारती ने कहा , "प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय 100 दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनावी घोषणा पत्र लागू कर जनता की सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण करने का वायदा किया था। योगी सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। किसानों की कर्जमाफी अधर में लटकी है।"
उन्होंने कहा, "पूरा दम लगाने के बाद भी 50 फीसदी सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी है। 24 घंटे बिजली का आदेश कोरी घोषणा साबित हो रहा है।योगी सरकार में अपराधों के ग्राफ में पिछली सरकार के मुकाबले 40 फीसदी की वृद्धि हुई है।"
भारती ने कहा, "गलत कृषि नीतियों के कारण उप्र सहित देश भर में किसानों का संकट बढ़ गया है। कर्ज के बढ़ते बोझ से किसानों की आत्महत्याएं जारी हैं।केंद्र सरकार ने ग्रामीण गरीबों के विरोध में बैल, भैंस, गाय, ऊंट आदि मवेशियों की पशु मंडियों में बिक्री पर रोक लगाकर कार्पोरेट व्यापारिक घरानों के हित में काम किया है।ऐसी स्थिति में खेत मजदूरों व गरीब किसानों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ खड़े होने का मन बनाया है ।"
उन्होंने बताया, "बैठक में एक प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार से मांग की गई कि मनरेगा में 65,000 करोड़ रुपये आवंटित किया जाए और साल में 250 दिन रोजगार व मजदूरी की दर 300 रुपये घोषित की जाए।खाद्य सुरक्षा का लाभ सभी गरीबों को मिले और दो रुपये प्रति किलो की दर से 10 किलो प्रति यूनिट राशन दिया जाए । सभी खेत मजदूरों को वृद्धावस्था पेंशन की गारंटी की जाए ।" भारती ने कहा, " जंगल की जमीन जंगल में रहने वालों को ही मिले । दलितों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ।खेत मजदूरों के चौतरफा हितों की रक्षा वाला केंद्रीय कानून बनाया जाए ।"


