छठ पर हरियाणा छोड़ेगा यमुना में 300 क्यूसेक पानी
राजधानी में खाय, नहाय छठ पूजा शुरू हो गई है और गुरूवार को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा

नई दिल्ली। राजधानी में खाय, नहाय छठ पूजा शुरू हो गई है और गुरूवार को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले यमुना के गंदे पानी के आरोपों पर राज्य सरकार का दावा है कि गुरूवार को हरियाणा से पानी आ जाएगा। दिल्ली सरकार ने आज दावा किया कि 50 घाटों को पक्का करने की प्रक्रिया शुरू की गई है और इनमें से 26 के टेंडर किए हैं व पांच घाट पक्के हुए हैं।
वहीं बीते साल 268 स्थानों पर छठ हुई थी और इस वर्ष 565 स्थान पर पूजा आयोजित हो रही है। यह जानकारी देते हुए विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार का राजस्व विभाग व तीर्थ यात्रा समिति सभी 565 पंडालों का प्रबंधन संभालेंगे।
पंडालों में शौचालय, डॉक्टर की मौजूदगी, 30 सिविल डिफेंस कर्मी, आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मियों के अलावा विधायक, एसडीएम, दिल्ली सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री भी प्रबंधों का जायजा लेने के लिए दौरे करेंगे।
राय ने बताया कि छठ पर अवकाश के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी ली जा रही है। छठ के लिए पहली बार 20 करोड़ रूपए के आवंटन का दावा करते हुए उन्होने कहा कि अभी अस्थायी घाट पर भी ऐसी सीढ़ियां बनाई गईं हैं जहां लोग फिसलें नहीं। डीडीए, निगम व अन्य जहां स्थानीय समितियां घाट बनाती थी वहां सरकार ने घाट बनाए हैं और सेमी पक्का घाट बना रही हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि छठ पूजा के बाद नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ता छठ घाटों पर श्रमदान करेंगे। श्री तिवारी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा दिल्ली को 300 क्यूसेक पानी दिए जाने पर हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बेहतर समन्वय से किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को आगाह किया कि महापर्व छठ लाखों लोगों की आस्था का पर्व है और वह इसमें राजनीति करने से बाज आएं।
तिवारी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और उनके विधायक पूरी दिल्ली में वर्षों से पूजा करती आ रही छठ समितियों के कार्य में व्यवधान डालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसी मान्यता है कि जो महापर्व छठ में व्यवधान उत्पन्न करता है उसे छठी मैया स्वयं दंडित करती है और केजरीवाल को उनके इन पाप कर्मों की सजा जरुर मिलेगी। श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि कई समितियों को सरकारी सहयोग से वंचित किया जा रहा है तो कई स्वयंसेवी लोगों को शिविर लगाने में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है।


