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दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला: कपिल मिश्रा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगा रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाया है

दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला: कपिल मिश्रा
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नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगा रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाया है।

मिश्रा ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में 300 करोड़ रुपये का दवा घोटाला हुआ है। इस राशि की दवाइयां खरीदी जा चुकी है किन्तु यह अस्पतालों में नहीं पहुंची है।

उन्होंने मंत्रालय में तबादले और नियुक्तियां तथा एम्बुलेंस खरीद में भी गड़बड़ियों के आरोप लगाये है। उन्होंने कहा कि इन तीनों घोटालों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा। करावल नगर से विधायक मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लिनिक पर भी अगले एक-दो दिन में हुई गड़बड़ियों का पर्दाफाश करूंगा।

केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाने के बाद मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने के साथ ही आम आदमी पार्टी(आप)से भी निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की बहुत कमी है। सरकार ने दवाइयां खरीदीं लेकिन अस्पतालों में नहीं है। सरकार के भंडारों में दवाइयां अटी पड़ी है किन्तु वह खराब हो रही है। काफी दवाइयां तो पहले ही खराब हो चुकी है।

एम्बुलेंस खरीद घोटाले का जिक्र करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि टाटा जिस एम्बुलेंस को आठ लाख रुपये में उपलब्ध कराने के लिये तैयार है, सरकार ने उन्हें 23 लाख रुपये में खरीदा। सरकार का तर्क था कि यह एम्बुलेंस अग्निरोधी है किन्तु लांच होने से पहले ही दाे एंबुलेंस जल गयीं।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर तबादले और नियुक्तियों में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुये मिश्रा ने कहा कि 30 एमएस की नियुक्ति की गयी जिसमें वरिष्ठ डाक्टरों को हटाकर कनिष्ठ को नियुक्त कर दिया गया।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में दवाओं को खरीदने का अधिकार खत्म कर सीपीए को दे दिया गया। तरुण सीम को चार पद दिये गये और सॉफ्टवेयर के जरिये दवाइयों की खरीद की जाने लगी । दवाइयों को रखने के लिये तीन गोदाम बनाये गये । सरकार ने तीन से छह माह की दवाएं पिछले साल अग्रिम में खरीद ली किन्तु वह अस्पतालों को मुहैया नहीं करायी गयी और गोदामों में पड़ी-पड़ी खराब हो गयीं।


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