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कोरोना संक्रमितों में से 30 फीसदी तबलीगी जमात से

देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कुल 2902 संक्रमितों में से करीब 30 प्रतिशत यानी 1023 मामले दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल लोगों से जुड़े हैं।

कोरोना संक्रमितों में से 30 फीसदी तबलीगी जमात से
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नयी दिल्ली । देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कुल 2902 संक्रमितों में से करीब 30 प्रतिशत यानी 1023 मामले दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल लोगों से जुड़े हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों से जुड़े कोरोना वायरस संक्रमण के 1023 मामले देश के 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पाये गये हैं। इन राज्यों में दिल्ली,महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, असम, आंध्र प्रदेश,तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना,उत्तर प्रदेश,झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, अंडमान-निकोबार, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य ललिता श्रीवास्तव ने बताया कि तबलीगी जमात में शामिल लोग और उनके संपर्क में आये लगभग 22 हजार लोगों का पता लगाकर उन्हें क्वारंटीन किया गया है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से 2902 संक्रमितों में शून्य से 20 वर्ष तक के नौ प्रतिशत, 21 से 40 वर्ष तक के 42 प्रतिशत, 41 से 60 वर्ष तक के 33 प्रतिशत और 60 वर्ष से अधिक के 17 प्रतिशत लोग हैं। कुल संक्रमितों में 58 मामले गंभीर हैं।

उन्होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के दुगुने होने की दर दूसरे देशाें की तुलना काफी कम है और ऐसा सरकार के सक्रिय,श्रेणीबद्ध और खतरे की आशंका को भांपते हुए पहले ही उठा लिए गये कदमों की वजह से संभव हुआ है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि कल से आज तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 601 मामले सामने आये हैं। अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 2902 तक पहुंच गयी है। इनमें से 68 लोगों की मृत्यु हो गयी है। कल से आज तक 12 संक्रमितों की मृत्यु होने की जानकारी मिली है। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आये 138 लोग अब तक स्वस्थ भी हुए हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए विदेशों से मंगाये मास्क, चिकित्सा उपकरण आदि जैसे-जैसे आ रहे हैं, उन्हें राज्यों काे उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 31 हजार से अधिक सेवानिवृत्त चिकित्सकों ने कोरोना वायरस की लड़ाई में अपना योगदान देने का प्रस्ताव किया है और उनकी सेवायें ली जा रही हैं। इनमें सेना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्रों के सेवानिवृत्त चिकित्सक शामिल हैं।

संयुक्त सचिव ने कहा कि कोरोना वायरस की चपेट में आकर जाे लोग मारे गये हैं उनमें बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रहे लोग सर्वाधिक हैं। इसके मद्देनजर सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की फिर सलाह दी जाती है जिससे ऐसे लोग इस संक्रमण की चपेट में आने ही न पायें। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को जागरुक रहकर और कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियों से अवगत रहकर ही जीता जा सकता है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने, सरकार की ओर उठाये कदमों का पालन कराने में सहयोग करने की अपील की और कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है।

श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि कल राज्य आपदा माेचन अधिनियम के तहत राज्यों को 11092 करोड़ रुपये जारी कर दिये गये हैं जिसे राज्य जरूरतमंदों के लिए खर्च कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति संतोषजनक है और इससे जुड़ी कोई भी समस्या कहीं से आती है उसे तत्काल दूर करने का प्रयास किया जाता है।

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जो चौबीसों घंटे काम कर रहा है। इसमें करीब 200 कर्मी तैनात किये गये हैं जो कहीं से भी आने वाली किसी तरह की समस्या के निराकरण का त्वरित निदान करने का प्रयास करे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की राज्यों के सहयोग से लॉकडाउन काे प्रभावी तरीके से लागू कराया जाता रहेगा।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक आर आर गंगाखेडकर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए देश में 100 से अधिक लैब काम कर रही हैं। अब तक 75 हजार लोगों के नमूनों की जांच की जा चुकी है।

पिछले सप्ताह तक प्रतिदिन पांच हजार नमूनों की जांच की जा रही थी लेकिन जांच की सुविधा निरंतर बढ़ायी जा रही है। अब 10 हजार नमूनों की जांच हर रोज की जा रही है। निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को भी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है।


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