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राख में खाक हुईं 30 जिंदगियां

रायबरेली जिले के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी की छठीं यूनिट में बुधवार को बिजली उत्पादन के दौरान बॉयलर का ऐश पाइप फटने से वहां मौत ने जो नंगा नाच किया, वह दिल दहला देने वाला रहा

राख में खाक हुईं 30 जिंदगियां
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- रतिभान त्रिपाठी

लखनऊ। रायबरेली जिले के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी की छठीं यूनिट में बुधवार को बिजली उत्पादन के दौरान बॉयलर का ऐश पाइप फटने से वहां मौत ने जो नंगा नाच किया, वह दिल दहला देने वाला रहा। हादसे की शुरूआती जांच में ही तमाम खामियां सामने आईं। जिस नए थर्मल पावर से भंयकर हादसा हुआ उसे हाल में स्थापित किया गया था। उसका परीक्षण तक नहीं किया गया था और बिना विशेषज्ञों की राय के प्लांट को चालू कर दिया गया था। हादसे में सबसे बड़ी खामी बॉयलर के नीचे जलने वाली आग की राख पाइप से छनकर नीचे गिरती है, लेकिन उसका पटला खोला ही नहीं गया। जब गरम राख ज्यादा एकत्र हो गई तो दबाव के चलते भयंकर ब्लास्ट हो गया और इस राख ने 30 जिंदगियां खाक में मिल गईं।

हादसे में 30 से अधिक लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है जबकि तकरीबन 200 लोग घायल हुए हैं जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को एनटीपीसी का दौरा करके हालात का जायजा लिया और हादसे मृत लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने हादसे की जांच कराने को कहा। बताया कि जांच रिपोर्ट 30 दिनों में आ जाएगी। उनके साथ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी थे। एनटीपीसी का प्लांट वैसे तो सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पड़ता है लेकिन अस्वस्थतावश वह घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाईं। उनकी जगह उनके पुत्र और अमेठी के सांसद राहुल गांधी ने हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। घायलों का हालचाल लेते हुए अपनी संवेदना जाहिर की। साथ ही केंद्र सरकार से हादसे की जांच कराने की मांग की। दूसरी ओर जिस यूनिट में यह हादसा हुआ उसे बंद कर दिया गया है।

केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा कि हादसे में मृत कर्मचारियों के परिजनों को एनटीपीसी की ओर से 20-20 लाख रुपये की मदद की जाएगी जबकि घायलों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होने बताया कि निदेशक तकनीक के निर्देशन में घटना की जांच के लिए समिति की गठन कर दिया गया है। समिति 30 दिनों में रिपोर्ट देगी। उसके बाद ही हादसे की सही वजह स्पष्ट हो सकेगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की ओर से भी 2-2 लाख और 50-50 हजार रुपये की मदद घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुआवजे का ऐलान कर चुके हैं।

घटना स्थल देखने के बाद आरके सिंह ने कहा कि मैंने यूनिट का निरक्षण किया है। मेरा तो यह आकलन है कि यह दुर्घटना ही है, कोई मानवीय लापरवाही या भूल नहीं है। अब हमारी प्राथमिकता घायल तथा गंभीर रूप से घायलों को किसी भी कीमत पर बचाने की है। इसके लिए देश के किसी भी बड़े अस्पताल की मदद लेनी होगी, हम लेंगे। हमने लखनऊ में दो-दो एयर एम्बुलेंस लगा रखी हैं। इसके साथ ही आधुनिक सुविधा वाली एम्बुलेंस भी लखनऊ के साथ ही रायबरेली के भी अस्पतालों में लगी हैं। हम हर कीमत पर घायलों की जान को बचाने में लगे हैं।

सिंह ने कहा कि एनटीपीसी की ऊंचाहार की यूनिट देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिट है। यह अफवाह फैलाई जा रही है कि इस यूनिट पर लोड अधिक था, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा था, ऐसा कुछ भी नहीं है। जहां तक यहां की बात है, तो यह दुर्घटना ही है। हादसा कोई मानवीय भूल नहीं है। यूनिट बेहतर थी, हादसा कैसे हुआ जांच टीम यह निष्कर्ष निकालेगी। हमने जांच का आदेश दिया है। (शेष पृष्ठ 11 पर)

जांच रिपोर्ट हमको 30 दिन में मिल जाएगी। केंद्रीय बिजली मंत्री ने एनटीपीसी परिसर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की। राहुल गांधी ने उनसे हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग रखी।

केंद्रीय मंत्री के साथ मौजूद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार इस हादसे के कारण प्रभावित हर परिवार की सहायता में लगी है। हादसे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मेरा दावा है कि यहां कोई साजिश नहीं हुई है।
उधर एनटीपीसी का दौरा करने पहुंचे राहुल गांधी ने हालात का जायजा लिया। लोगों से बातचीत की। उन्होंने एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक आरएस राठी से बातचीत की। राहुल ने कहा कि हम इस घटना की जांच की मांग करेंगे। हमारा प्रयास है कि कोई भी पीड़ित परिवार इस घटना के बाद हादसे का कारण जानने से वंचित न रह सके।

इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने हादसे में 30 लोगों के मरने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत नाजुक है। अब भी बड़ी संख्या में श्रमिकों के राख में दबे होने की आशंका है। घायलों में एनटीपीसी के तीन एजीएम भी शामिल हैं। मृतकों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं।


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