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बरेली में 24 घंटे में तीन तलाक के 3 नए मामल

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से पिछले 24 घंटों के भीतर तीन तलाक के तीन नए मामले सामने आए हैं।

बरेली में 24 घंटे में तीन तलाक के 3 नए मामल
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बरेली । उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से पिछले 24 घंटों के भीतर तीन तलाक के तीन नए मामले सामने आए हैं। पहले मामले में, एक 26 वर्षीय दिव्यांग व्यक्ति मोहम्मद राशिद ने अपनी 17 साल की बीवी चांद बी को तीन तलाक दिया है, क्योंकि वह अनपढ़ है और खाना पकाना नहीं जानती है।

गुरुवार को चांद उन्हें सुबह का नाश्ता नहीं दे सकी, जिससे राशिद नाराज हो गया और उसने कथित तौर पर अपनी बीवी की पिटाई की और उसे 'तीन तलाक' दे दिया। इस मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई, लेकिन राशिद अपनी बात पर अड़ा रहा और उसने दोबारा तीन तलाक कहा।

दूसरी घटना शेखूपुरा इलाके से अक्सीर बानो (26) और मुश्तजाब खान के बीच बताई गई। इन दोनों का निकाह पांच साल पहले हुआ था और इनका दो साल का एक बेटा भी है।

दहेज की मांग पूरा न करने के चलते अक्सीर को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उसने अपने पति के खिलाफ दहेज का मामला दर्ज किया और फिलहाल यह मुद्दा अदालत में है।

गुरुवार को उसने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी से मुलाकात की और यह कहते हुए एक मामला दर्ज किया कि एक भीड़-भाड़ वाले व्यस्त बाजार में उसके पति ने उसके बच्चे को छीनने की कोशिश की और इस नाकाम कोशिश के बाद उसने उसे 'तलाक' दिया।

तीसरा मामला सिरौली से सामने आया है, जहां करीब ग्यारह साल पहले गुलिस्तां (35) का निकाह मोहम्मद लायक के साथ हुआ। इनके तीन बच्चे भी हैं।

गुलिस्तां को जुलाई में घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया।

लायक को 7 अगस्त के दिन काउंसिलिंग के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया जहां उसने काउंसिलर को बताया कि उसने अपनी बीवी को तलाक उस वक्त दिया था, जब इस पर यह कानून लागू नहीं था।

उसने काउंसिलिंग सेंटर में भी तीन तलाक को दोहराया और अपनी पत्नी को वापस ले जाने से मना कर दिया।

एसएसपी ने कहा, "अगर काउंसिलिंग से बात नहीं बनी तो नए अधिनियमित कानून के अनुसार एफआईआर दर्ज की जाएगी। हम एक महिला के अधिकार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

शादी को बचाने के लिए काउंसिलिंग की सुविधा उपलब्ध कराकर पुलिस तीन तलाक के मामलों से सावधानीपूर्वक निपट रही है।

यदि शिकायत सच है और उसमें काउंसिलिंग की कोई संभावना नहीं है तो ऐसे में नए अधिनियमित कानून के तहत एसएसपी ने एसएओ को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।


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