खाताधारक को पता ही नहीं खाता से निकल गए 3 लाख
छलपूर्वक कूटरचना करते हुए एक राजमिस्त्री के खाते से जमीन दलालों के द्वारा तीन लाख रूपए आहरण कर लिये जाने का मामला सामने आया है

कोरबा। छलपूर्वक कूटरचना करते हुए एक राजमिस्त्री के खाते से जमीन दलालों के द्वारा तीन लाख रूपए आहरण कर लिये जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से करते हुए कार्रवाई एवं रूपए वापस दिलाने का आग्रह किया है।
जानकारी के अनुसार कटघोरा तहसील के अंतर्गत ग्राम सलोरा ख निवासी रामनारायण यादव 34 वर्ष राजमिस्त्री है। उसने 11 दिसंबर 2017 को गांव की अपनी 1.80 एकड़ जमीन की बिक्री 7 लाख रूपए में सुनील धीवर को की थी। इसके एवज में मिले 7 लाख रूपए का चेक टीपी नगर में स्थित आईडीबीआई बैंक में जमा किया।
जमीन बिकवाने में सलोरा ख के निवासी गोरेलाल, जमीन दलाल उमेंद राम यादव निवासी ग्राम पाली सर्वमंगला मंदिर के पास व सहेन्द्र दास ग्राम नरईबोध की मदद रामनारायण ने ली थी। रामनारायण के मुताबिक खाते में जमा 7 लाख रूपए में से उसने 4 लाख रूपए आहरण कर लोगों का कर्ज छूटा।
शेष 3 लाख रूपए घर बनवाने के लिए सुरक्षित रखा था। 9 अप्रैल को 50 हजार रूपए खाता से निकालने के लिए रामनारायण बैंक पहुंचा और पासबुक में एंट्री कराने पर ज्ञात हुआ कि 22 जनवरी 2018 को अंकित कुमार यादव के नाम से लगे चेक क्रमांक- 362492 के माध्यम से तीन लाख रूपए निकाले गए हैं।
यह जान कर रामनारायण के होश उड़ गए। उसने अपने स्तर पर बैंक अधिकारियों से चर्चा की और बताया कि उसने अंकित कुमार को कभी भी किसी भी राशि का अथवा किसी भी तारीख का उल्लेख कर अपने खाते से संबंधित कोई भी चेक नहीं दिया है।
अपने निरंक चेक बुक को सिर्फ हस्ताक्षर कर घर पर रखा था। रामनारायण ने इस घटना की शिकायत पुलिस अधीक्षक से करते हुए बताया है कि दिसंबर-2017 को गोरेलाल, जमीन दलाल उमेंद राम यादव और सहेंद्र दास उसकी गैर मौजूदगी में घर पर मौजूद पत्नी श्रीमती साधना यादव से खाता चेक करने के बहाने चेकबुक मांग कर ले गए थे।
उसके द्वारा हस्ताक्षर कर रखे गए खाली चेकबुक के तीन पन्ने गायब कर अंकित कुमार यादव जो कि उमेंद राम का पुत्र है के नाम से षड़यंत्र कर कपटपूर्वक बेईमानी से तीन लाख रूपए 21 जनवरी को निकाल लिया गया। रामनारायण ने बताया कि रूपए निकालने के बाद चेक बुक को वापस कर दिया गया लेकिन दो अन्य चेक क्रमांक- 362493 और 362494 को फाड़कर वे लोग अपने पास रखे हुए हैं।
9 अप्रैल को जब वह शेष रकम तीन लाख रूपए निकालने बैंक पहुंचा तो इस घटना का पता चला। रामनारायण ने शेष तीन लाख रूपए के बूते घर बनाने का सपना संजोया था, जो इस फर्जीवाड़ा के कारण फिलहाल टूट गया है। उसने संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई का आग्रह किया है।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी के लिए किया नामांकन, जुर्म दर्ज
फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे की जमीन को अपना बताते हुए एसईसीएल में नौकरी के लिए नामाकंन का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार दीपका थाना अंतर्गत निवासरत गोपाल सिंह राठौर ने 20 अप्रैल 2014 से एसईसीएल दीपका परियोजना में नौकरी के लिए नामांकन भरा था।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर नामांकन दाखिल करने की शिकायत मलगांव, दीपका निवासी संदीप कंवर पिता नरेन्द्र कंवर 27 वर्ष ने गोपाल सिंह के विरूद्ध थाने में की थी। गोपाल सिंह ने कूटरचना कर दस्तावेज में छेड़छाड़ करते हुए जमीन को अपने नाम पर कर लिया था।
उक्त जमीन के आधार पर उसने एसईसीएल में नौकरी के लिए नामांकन प्रस्तुत किया था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच उपरांत गोपाल सिंह के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।


