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विजय माल्या ने जारी की 2 साल पुरानी चिट्ठी ,घिरी सरकार

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से उसे (माल्या) व उसकी स्वामित्व वाली कंपनी यूबीएचएल को न्यायिक देखरेख में उनकी संपत्तियों को बेचने देने व सरकारी बैंकों सहित लेनदारों का भुगत

विजय माल्या ने जारी की 2 साल पुरानी चिट्ठी ,घिरी सरकार
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बेंगलुरू। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से उसे (माल्या) व उसकी स्वामित्व वाली कंपनी यूबीएचएल को न्यायिक देखरेख में उनकी संपत्तियों को बेचने देने व सरकारी बैंकों सहित लेनदारों का भुगतान करने की अनुमति मांगी है। माल्या ने मंगलवार को जारी एक पत्र में कहा है, "यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड) और मैंने 22 जून को कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दायर किया है, जिसमें करीब 13,900 करोड़ रुपये की उपलब्ध संपत्ति बेचने की अनुमति देने का जिक्र है।"

माल्या ने अदालत से न्यायिक देखरेख में उसकी संपत्तियों को बेचने की अनुमति देने और लेनदारों व सरकारी बैंकों का कर्ज भुगतान करने देने का आग्रह किया है।

शराब कारोबारी माल्या (62) देश से मार्च 2016 से फरार है। वह भारतीय अदालतों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के सम्मन के बावजूद लंदन में है।

कर्ज की वसूली को दीवानी मामला बताते हुए माल्या ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के बकाए को निपटाने की उनकी मंशा के बावजूद उन्होंने उनके मामले में आक्रामक कार्रवाई कर इसे आपराधिक बना दिया है।

उन्होंने कहा, "सीबीआई व ईडी बैंकों का भुगतान नहीं करने के बहाने मेरे खिलाफ आपराधिक आरोप तय करते दिखते हैं। मुझे संपत्तियों को बेचने की और लेनदारों का भुगतान करने की अनुमति दें।"

बकाए की बड़ी राशि ब्याज की वजह से होने का दावा करते हुए माल्या ने कहा कि संपत्तियों के बेचने की अनुमति देने से इनकार करने की वजह से ब्याज की राशि बढ़ रही है।

बयान में कहा गया है, "नतीजतन बैंकों को बकाया राशि का बड़ा आंकड़ा काफी हद तक इस कार्रवाई की वजह से है। अगर सीबीआई या ईडी को मेरे प्रस्ताव व संपत्तियों की बिक्री पर आपत्ति है तो यह बैंकों के बकाए की वसूली के बजाय मेरे खिलाफ एजेंडे को दिखाता है।"

अपने बकाए के भुगताने के प्रयास की बात दोहराते हुए माल्या ने कहा कि अगर राजनीति से प्रेरित व बाहरी कारक दखल देते हैं तो वह कुछ नहीं कर सकते हैं।

भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) के नेतृत्व में 17 बैंकों के एक संघ ने एक दशक से अधिक समय से माल्या के किंगफिशर एयरलाइंस को 5,500 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है।

माल्या ने कहा, "गिरवी रखी गई संपत्तियों की बिक्री से 600 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूल किए गए हैं और 2013 से कर्नाटक उच्च न्यायालय में 1,280 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।"

राजनेताओं और मीडिया द्वारा कथित रूप से अपनी एयरलाइन को दिए गए 9,000 करोड़ रुपये कर्ज की 'चोरी' के बाद देश से भागने के आरोप का जिक्र करते हुए माल्या ने कहा है कि कर्ज देने वाले कुछ बैंकों ने भी उन्हें विलफुल डिफाल्टर (जानबूझकर कर नहीं चुकाने वाला) घोषित कर दिया है।

माल्या ने कहा, "सीबीआई और ईडी ने सरकार व कर्ज देने वाले बैंकों के इशारे पर मेरे खिलाफ अपुष्ट व झूठे आरोपों के साथ आरोप पत्र दाखिल किए हैं। ईडी ने मेरी व मेरे समूह की कंपनियों व मेरे परिवार के स्वामित्व वाली संपत्तियों को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त किया है, जिनका वर्तमान में मूल्य 13,900 करोड़ रुपये है।"

माल्या ने कहा कि हालांकि उन्होंने 15 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए और बकाए को निपटाने में उनके हस्तक्षेप की मांग करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन दोनों में से किसी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।


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