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पीएमएफबीवाई के तहत 5 साल में 29 करोड़ किसान हुए बीमित : तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याणमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) किसानों के लिए एक बड़ी सुरक्षा कवच है

पीएमएफबीवाई के तहत 5 साल में 29 करोड़ किसान हुए बीमित : तोमर
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याणमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) किसानों के लिए एक बड़ी सुरक्षा कवच है और इस योजना के तहत बीते पांच साल में 29 करोड़ किसान आवेदक बीमित हो चुके हैं। मोदी सरकार की महत्वकांक्षी बीमा योजना पीएमएफबीवाई के 5 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में यहां केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि हर साल औसतन 5.5 करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीएमएफबीवाई के तहत बीमित किसानों के दावों के लिए उन्हें करीब 90,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 13 जनवरी 2016 को इस योजना को मंजूरी दी थी जबकि इसे अप्रैल 2016 से लागू कर दिया गया था।

कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने जबसे प्रधानमंत्री पद संभाला है उनका फोकस गांव-गरीब-किसान और किसानी पर रहा है। बजट में अधिक प्रावधान करने, किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने सहित अन्य क्षेत्रों में बीते छह साल में सफलतम काम करने का प्रयत्न सरकार द्वारा किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के किसान पीएमएफबीवाई से ज्यादा की संख्या में जुड़े इसलिए केंद्र सरकार ने इन राज्यों में केंद्र और राज्य का अंशदान क्रमश: 90 फीसदी और 10 फीसदी कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक बनाने व प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने के साथ आज यह योजना किसानों के लिए प्रतिकूल प्राकृतिक परिस्थितियों में एक बड़ा सुरक्षा कवच है, जिसका लाभ देशभर में किसानों को मिल रहा है।

क्रॉप इन्श्योरेन्स ऐप के माध्यम से भी किसान अब अपने आवेदन की स्थिति और कवरेज के विवरण को घर बैठे जान सकते हैं और फसल नुकसान की सूचना भी दे सकते हैं। फसल कटाई प्रयोगों में व्यापक सुधार हेतु स्मार्ट सैंपलिंग, रिमोट सेंसिंग तकनीक, सेटेलाइट, ड्रोन का उपयोग भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे दावों की राशि का आंकलन तत्काल ईमानदारी व पारदर्शिता से किया जाता है, जिससे किसानों के बीमा दावों का निपटान तेज गति से हो सके और उन्हें भुगतान मिलने में देरी नहीं हो।

तोमर ने बताया कि खरीफ-2016 में योजना के शुभारंभ से खरीफ-2019 तक किसानों ने प्रीमियम के रूप में 16,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया और फसलों के नुकसान के दावों के रूप में किसानों को 86,000 करोड़ रुपये मिले हैं अर्थात किसानों को प्रीमियम के मुकाबले पांच गुना से ज्यादा राशि दावों के रूप में मिली है।

कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री परषोतम रूपाला ने कहा कि किसानों को जोखिम मुक्त करना सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इसकी मानीटरिंग के लिए बेहतर व्यवस्था और पर्याप्त प्रचार-प्रसार होना चाहिए।


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