अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी ध्यान दें : मोदी
'मन की बात' में मोदी ने कहा, "लोगों को चर्चाओं के दौरान अपने अधिकारों के साथ ही अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए।"

नई दिल्ली, 29 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को शिक्षक बने नज़र आए। उन्होंने लोगों से केवल अपने अधिकारों पर ही नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देने का आग्रह किया साथ ही छात्रों को दूसरों के बजाए खुद के साथ प्रतिस्पर्धा करने की आदत विकसित करने की सलाह दी।
रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में मोदी ने कहा,
"लोगों को चर्चाओं के दौरान अपने अधिकारों के साथ ही अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा,
"हम केवल अपने अधिकारों के बारे में सोचते हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे जितना अपने अधिकारों के बारे में सोचते हैं, उन्हें अपने देश और साथी नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्यों पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए।"
छात्र खुद से प्रतिस्पर्धा करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को दूसरों के बजाए खुद के साथ प्रतिस्पर्धा करने की आदत विकसित करने की सलाह दी।
मोदी ने कहा, "अन्य लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा ईर्ष्या और अहंकार को जन्म देती है, जबकि स्वयं के साथ प्रतिस्पर्धा आत्मनिरीक्षण, प्रोत्साहन और आत्मविश्वास की ओर ले जाती है।"
उन्होंने कहा,
"अगर आप किसी और के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, तो आप खुद को दूसरे की तुलना में बेहतर, खराब या फिर खुद को दूसरे के समान महसूस करते हैं, वहीं जब कोई खुद से प्रतिस्पर्धा करता है तो वह बेहतर होता है और आत्मविश्वास प्राप्त करता है।"
मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,
"इसलिए मैं आपको दूसरे के बजाय खुद के साथ प्रतिस्पर्धा करने की सलाह देता हूं।"
मोदी ने छात्रों से परीक्षा अंकों के पीछे न भागने और कौशल व ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अंक और अंक तालिकाओं का उपयोग सीमित है।
मोदी ने कहा,
"अंकों और अंक तालिकाओं का दबाव कभी-कभी हमें सही दिशा में जाने से रोकता है। अगर आप अंकों के पीछे भागेंगे तो आप छोटा रास्ता खोजने की कोशिश करेंगे।"
प्रधानमंत्री की जनता से आज कही मन की बात के कुछ मुख्य अंश। pic.twitter.com/s0yHmL0nw6
— Mann Ki Baat with PM (@MannKiBaat_PMO) January 31, 2016


