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निगम को तुरंत जारी करें 2630 करोड़ : कटारिया

 दिल्ली सरकार से संवैधानिक रूप से देय 2630 करोड़ रुपए न दिए जाने की बाबत अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है

निगम को तुरंत जारी करें 2630 करोड़ : कटारिया
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार से संवैधानिक रूप से देय 2630 करोड़ रुपए न दिए जाने की बाबत अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है।

उत्तरी दिल्ली निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने बजाप्ता केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि यह राशि उत्तरी दिल्ली नगर निगम को केंद्र सरकार सीधे तौर पर भुगतान करें और बाद में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को दिए जाने वाले राजस्व हिस्से से काट ली जाए और इसके लिए निगम के नेता केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे।

उत्तरी दिल्ली निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने कहा कि दिल्ली सरकार को यूनिट ऐरिया मैथड लागू करने पर सम्पत्ति कर में हुई कमी की एवज में 475 करोड़ रुपये, चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार कम दिए गए 1616 करोड़ रुपये तथा प्राथमिक शिक्षा पर व्यय की गई राशि में कम दिए गए 539 करोड़ रुपये अर्थात कुल 2630 करोड़ रुपये उत्तरी दिल्ली नगर निगम को देना बकाया है।

उत्तरी दिल्ली निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 2630 करोड़ रुपये भुगतान न करने के कारण उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अब तक की कुल देनदारियां 2421 करोड़ रुपये हो गई है।

उत्तरी दिल्ली निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने कहा कि दिल्ली सरकार यदि दे दे तो निगम सफाई कर्मचारियों, अन्य कर्मचारियों, ठेकेदारों और पेंशनधारकों को तुरंत भुगतान किया जा सकता है। उत्तरी दिल्ली निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने यूनिट एरिया मेथड सम्पत्ति कर में लागू करवाते समय यह आश्वासन दिया था कि जब तक इसमे वित्तीय वर्ष 2003-04 की तुलना में कमी रहेगी तो उसकी पूर्ति दिल्ली सरकार करेगी।

इसे देखते हुए वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2009-10 तक तीनों नगर निगमों को रुपये 1285.97 करोड़ की राजस्व हानि हुई है। जिसमें कि 475.82 करोड़ रुपये, उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र की है। दिल्ली सरकार द्वारा इकट्ठा किए गए बेसिक टैक्स में से उत्तरी दिल्ली नगर निगम का वर्ष 2012-13 का 280 करोड़ रुपये, वर्ष 2013-14 का 270 करोड़ रुपये और 2014-15 का 303 करोड़ रूपये का भुगतान नही किया गया परन्तु इसे अपने खातों मे नगर निगम को देय राशि के विरुद्ध किए गए भुगतान की तरह दिखाया है।

कटारिया ने बताया कि उत्तरी निगम ने शिक्षा पर वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक जो वास्तविक व्यय किया उस में से भी 539 करोड़ रुपये कम भुगतान किया गया। जबकि चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार नगर निगम द्वारा प्राथमिक शिक्षा पर किए गए व्यय की पूर्ति शत प्रतिशत दिल्ली सरकार द्वारा वापस भुगतान की जानी थी।

कटारिया ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक भावनाओ से उत्तरी दिल्ली नगर निगम को देय राशि भुगतान न कर के दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के विकास में रूकावट डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विकास के लिए दलगत राजनीति से उपर उठ कार्य करना होगा।


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