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26/11 का आतंकी हमला यूपीए सरकार की विफलता-सत्यपाल सिंह

मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने 26/11 आतंकी हमले को तत्कालीन यूपीए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की विफलता बताते हुए कहा है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में जो हमला हुआ वह पाक आतंकियों का हमला था जो बहुत ही भयावह और दर्दनाक था।

26/11 का आतंकी हमला यूपीए सरकार की विफलता-सत्यपाल सिंह
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नई दिल्ली। मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने 26/11 आतंकी हमले को तत्कालीन यूपीए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की विफलता बताते हुए कहा है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में जो हमला हुआ वह पाक आतंकियों का हमला था जो बहुत ही भयावह और दर्दनाक था।

आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने आगे कहा कि यह आतंकवादी हमला देश और प्रदेश की जो तत्कालीन सरकारें थी, के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियो की बहुत बड़ी विफलता थी कि हम लोगों को पता ही नहीं चल पाया।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस का और यूपीए का जो शासनकाल था, वह देश के आम आदमियों को सुरक्षा देने में एकदम नाकामयाब रहा। उस दौर में देश के अलग-अलग शहरों में लगातार आतंकी वारदातें हुआ करती थी, बम धमाके हुआ करते थे लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद पूरा परिदृश्य बदल गया।

सत्यपाल सिंह ने मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा एजेंसियों, राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों के आधुनिकीकरण के लिए युद्धस्तर पर किए गए काम का हवाला देते हुए कहा कि आज हमारी सुरक्षा एजेंसियां पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत हुई है और सक्षम बनी है। उन्होंने दावा किया कि 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मजबूत हुई है। मोदी सरकार में भारत में आतंकवादियों के घरों या कैंप में घुसकर मारने की राजनीतिक इच्छा शक्ति भी है और मारक क्षमता भी है और वे यह कह सकते हैं कि कश्मीर को छोड़कर, जहां कुछ घटनाएं अभी भी हो रही हैं, आज लगभग पूरा का पूरा देश आतंकवादी घटनाओं से पूरी तरह से मुक्त हो गया है।

उन्होंने यहां तक दावा किया कि मोदी है तो देश सुरक्षित है और मोदी है तो आतंकी पूरी तरह से भयभीत भी हैं और आज भारत की सुरक्षा का पूरा का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है। आंकड़े यह बताते हैं कि देश में आतंकवाद की कमर टूट गई है। देश के अंदर नक्सलवादी हिंसा में भी 80 प्रतिशत के लगभग कमी आई है और कश्मीर को छोड़कर आज पूरा भारत आतंकी हिंसा से लगभग सुरक्षित है।

हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि कश्मीर में भी पहले जो आए दिन लोग पत्थर फेंकते थे, पत्थरबाजी की उन घटनाओं में भी कमी आई है। कुछ घटनाएं (आतंकी) कश्मीर में अभी भी हो रही है लेकिन वहां का आम आदमी भी अपने आपको अब सुरक्षित महसूस कर रहा है। सिविलियन के मारे जाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। सुरक्षा बलों के ऊपर जरूर कुछ हमले हो रहे हैं लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि कश्मीर में सुरक्षा के हालात में बहुत सुधार हुआ है।

26/11 के आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को अभी तक सजा नहीं मिलने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि जब से भारत में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तब से पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ा है और पाकिस्तान की हालत आज बहुत खस्ता हो गई है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के अंदर या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अंदर जो आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप चला करते थे उसकी संख्या में भी कमी आई है। आज पूरा पाकिस्तान बहुत दबाव में है।

उन्होंने कहा कि जब तक मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक आतंकवादी भारत में 26/11 की तरह का आतंकी हमला करने का सोच भी नहीं सकते लेकिन इसके बावजूद भारत को लगातार सतर्क, सावधान और अलर्ट रहना पड़ेगा क्योंकि आज आतंकवाद एक ग्लोबल समस्या बन चुका है।

--आईएएनएस


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