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2,556 राज्य पुलिस कर्मियों को 2018 में आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण मिला

देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति 2018 के दौरान नियंत्रण में रही

2,556 राज्य पुलिस कर्मियों को 2018 में आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण मिला
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नई दिल्ली। देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति 2018 के दौरान नियंत्रण में रही, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से राज्य पुलिस बलों के 2,556 अधिकारियों को आतंक के मामलों में खुफिया संग्रह, ऐसी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने और जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया।

यह सूचना गृह मंत्रालय की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे बीते सप्ताह जारी किया गया।

अधिकारियों को एक जनवरी 2018 व 31 मार्च 2019 के बीच के 74 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान प्रशिक्षित किया गया। गृह मंत्रालय का मानना है कि राज्य पुलिस बल किसी भी आतंकवादी घटना के पहले प्रतिक्रिया दाता होते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि गृह मंत्रालय के राज्य बलों के कार्यक्रम का मकसद उनके खुफिया संग्रह में क्षमता निर्माण, आतंकवादी घटनाओं को लेकर प्रतिक्रिया देने और आतंकवादी हमलों की जांच को बढ़ावा देना होता है।

रिपोर्ट में 2018 के दौरान देश में आतंरिक सुरक्षा स्थिति के नियंत्रण में रहने की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फ्रंट पर सरकार का मुख्य ध्यान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करने, उत्तरपूर्वी राज्यों में सुरक्षा के परिदृश्य में सुधार करने, वाम अतिवाद या नक्सलवाद का मुकाबला करने व देश के आंतरिक क्षेत्र में शांति कायम रखने पर होता है।

रिपोर्ट में कहा गया, "भारत सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ सीमा पार घुसपैठ को रोकने, आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने, पीड़ितों को राहत देने व राज्य सरकार के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया। इसने उत्तरपूर्व क्षेत्र में आतंकवादी व विद्रोही गतिविधियों से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति का पालन किया है।"

इसमें कहा गया कि इस दृष्टिकोण में सुरक्षा उपायों, विकास कार्यो, हिंसा छोड़ने वाले समूहों से वार्ता और उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने के लिए भारतीय संविधान के ढांचे के तहत उनकी मांग का हल खोजना शामिल है।

इसमें कहा गया कि केंद्र विभिन्न उपायों के जरिए राज्य सरकार के प्रयासों को पूरा कर रहा है, जिसमें विद्रोही अभियान से मुकाबले खातिर राज्य अधिकारियों की मदद के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती जैसे उपाय शामिल हैं।


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