रीजनल रैपिड परियोजना को मिले 250 करोड़, दिल्ली से मेरठ परियोजना में आएगी गति
दिल्ली से वाया गाजियाबाद, मेरठ जाने वाले रीजनल रैपिड परियोजना (आरआरटीएस कॉरिडोर) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 250 करोड़ रूपए के प्रावधान किए जाने के बाद इसके निर्माण में तेजी आनी तय है

नई दिल्ली। दिल्ली से वाया गाजियाबाद, मेरठ जाने वाले रीजनल रैपिड परियोजना (आरआरटीएस कॉरिडोर) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 250 करोड़ रूपए के प्रावधान किए जाने के बाद इसके निर्माण में तेजी आनी तय है। परियोजना को 2024 तक शुरू होने की संभावना है और इसके बनने के बाद दिल्ली और मेरठ के बीच एक घंटे तक यात्रा का समय कम हो जाएगा। दिल्ली से मेरठ कॉरिडोर सराय काले खां टर्मिनल स्टेशन से शुरू होगा जो कि एक मौजूदा बस टर्मिनल और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के साथ एक ट्रांजिट हब, दिल्ली मेट्रो स्टेशन बन जाएगा।
यह कॉरिडोर दिल्ली से साहिबाबाद, गाजियाबाद शहर, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर और मेरठ के घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरेगा जो कि मोदीपुरम में खत्म होगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुधीर शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज पेश किये गए बजट में रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्टको आवंटित बजट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के आरआरटीएस दिल्ली से मेरठ कॉरिडोर के प्रथम चरण से संबंधित चल रहे कार्यों को और बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने बजट में इस परियोजना के लिए 659 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।
एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद में पहला फील्ड यूनिट बनाया है और तैनात अधिकारी जगह-जगहपरियोजना के विभिन्न कार्यालयों की स्थापना करेंगे। दिल्ली से मेरठ खंड पर पूर्व निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। परियोजना के बाद लोग अपनी के स्थान पर आरआरटीएस से यात्रा करेंगे। इस कॉरीडोर का निर्माण एनसीआरटीसी द्वारा किया जा रहा है।
एनसीआरटीसी केंद्र सरकार, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान का संयुक्त उपक्रम है और प्राथमिकता के आधार पर पहले चरण में तीन आरआरटीएस कॉरिडोर बनाए जाने हैं जिसमें दिल्ली से अलवर, दिल्ली से मेरठ और दिल्ली से पानीपत को क्रियान्वित कर रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा तैयार किए गए इस तरह के कॉरिडोर को एकीकृत परिवहन योजना 2032 के तहत तैयार किया जा रहा है।


