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सांबा में इंटरनेशनल बार्डर पर मिली 25 फुट लंबी सुरंग

जम्मू फ्रंटियर पर सांबा सेक्टर में इंटरनेशनल बार्डर पर हिन्दुसतान और पाकिस्तान को जोड़ने वाली एक 25 फुट लंबी सुरंग मिली है।

सांबा में इंटरनेशनल बार्डर पर मिली 25 फुट लंबी सुरंग
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8 सालों में 8 सुरंगें मिल चुकी हैं इंटरनेशनल बार्डर पर

जम्मू । जम्मू फ्रंटियर पर सांबा सेक्टर में इंटरनेशनल बार्डर पर हिन्दुसतान और पाकिस्तान को जोड़ने वाली एक 25 फुट लंबी सुरंग मिली है। यह पहला अवसर नहीं है कि इंटरनेशनल बार्डर पर ऐसी कोई सुरंग मिली हो बल्कि पिछले 8 सालों में 8 सुरंगें मिल चुकी हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी करते रहे हैं।

बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि गश्ती दल की सूचना के बाद अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सुरंग की जांच की। उस दौरान सुरंग का मुहं मिट्टी के भरे 8-10 कट्टों से ढका हुआ था। कट्टों पर कराची और शकरगढ़ लिखा है। उन पर निर्माण और अवधि पार की तारीख भी मिली है। इससे साफ है कि सुरंग पाकिस्तान द्वारा ही बनाई गई है।

इंटरनेशनल बार्डर पर 2012 से अब तक 8 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं।

ताजा मिली यह सुरंग 25 फीट लंबी और 3-4 फीट चौड़ी थी। खुफिया सूत्रों से इस सुरंग के बारे में जानकारी मिली थी। यह बार्डर से 150 गज पर जीरो लैंड से भारत की तरफ है। बीएसफ के जम्मू फ्रंटियर के आईजी एनएस जमवाल ने बताया कि सांबा सेक्टर के इंटरनेशनल बार्डर एरिया के पास एक सुरंग पाई गई। इस सुरंग का मुंह रेत की बोरियों से ढका हुआ था। इन बोरियों पर मेड इन कराची पाकिस्तान का टैग भी था। भारत की तरफ जहां इसका एग्ज़िट प्वाइंट है वहां रखे सैंड बैग्स पर पाकिस्तान की मार्किंग है।

बीएसएफ आईजी ने कहा कि रेत की बोरियां देखने से लगता है कि ये सुरंग नई है। ये जमीन से 25 फीट गहरी है। बार्डर एरिया में इतनी बड़ी सुरंग पाकिस्तान रेंजर्स और दूसरी एजेंसियों के अप्रूवल के बिना नहीं बन सकती। इतनी बड़ी टन्नल खोदने में जरूर पाकिस्तान एस्टाब्लिशमेंट का हाथ है। जम्वाल ने कहा कि हमें सांबा क्षेत्र में एक सुरंग के बारे में इनपुट मिल रहे थे। एक विशेष टीम को कल सुरंग मिली। यह सुरंग शून्य रेखा से लगभग 150 गज लंबी है। सुरंग के मुहाने को सैंडबैग द्वारा बंद किया गया था।

सैंडबैग पर पाकिस्तान निर्मित होने के प्रमाण हैं। जोकि स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इसमें पाकिस्तानी साजिश है। जिसे इंजीनियरिंग प्रयासों के साथ खोदा गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी रेंजर्स और अन्य एजेंसियों की सहमति और अनुमोदन के बिना, इतनी बड़ी सुरंग का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद बीएसएफ ने कहा था कि बिना पाकिस्तानी रेंजर्स की मदद के इस तरह की टनल बनाना नामुमकिन है। बीएसएफ ने तब पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मीटिंग में इस हरकत को लेकर विरोध दर्ज कराया था।

वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फीट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए तीन आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।

--सुरेश एस डुग्गर--


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