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नौ साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि सरकार की 'तपस्या' और गरीबों के प्रति सच्चे समर्पण के परिणामस्वरूप पिछले नौ वर्षों में देश में कम से कम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है

नौ साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया : पीएम मोदी
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सोलापुर (महाराष्ट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि सरकार की 'तपस्या' और गरीबों के प्रति सच्चे समर्पण के परिणामस्वरूप पिछले नौ वर्षों में देश में कम से कम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

उन्होंने कहा कि पहले, देश में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के उचित इरादे के अभाव और बिचौलियों द्वारा की गई लूट के कारण परिणाम नहीं मिल पाते थे।

पीएम ने कहा, "यह गरीबों के सशक्तिकरण और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता के पक्ष में साफ इरादों और नीतियों का परिणाम है।" उन्होंने कहा कि 'मोदी की गारंटी' सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता के बारे में है।

पीएम ने कहा कि बीते 10 साल में 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे गरीब, किसान, महिला और युवा लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं। जनधन, आधार और मोबाइल कवच बनाकर सरकार ने करीब 10 करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थियों को हटाया जिनका जन्म भी नहीं हुआ था और जो पात्र लोगों के हित के पैसे खा रहे थे।

पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत सोलापुर में आरएवाई नगर हाउसिंग सोसाइटी में 15 हजार घर सौंपने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए यह बात कही। वहीं, 350 एकड़ के आवास परिसर में अन्य 15 हजार घर बनाए जाएंगे।

यह हथकरघा और पावरलूम श्रमिकों, निर्माण मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों, 'बीड़ी' निर्माताओं, ड्राइवरों, रिक्शा-चालकों और असंगठित क्षेत्रों के अन्य 15 हजार लाभार्थी-परिवारों के लिए एक सपना सच होने जैसा था, और पीएम मोदी ने 2019 में कॉम्प्लेक्स के लिए इसकी आधारशिला रखी थी।

इस परियोजना की कल्पना पूर्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव और तीन बार के विधायक 79 वर्षीय नरसय्या एडम ने की थी, जिन्होंने असंगठित क्षेत्रों में आजीविका कमाने वाले लोगों के लिए सम्मानजनक आवास सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया था।

पीएम मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मंच साझा करते हुए, एडम ने इसे अनौपचारिक क्षेत्र के सभी लोगों के लिए "एक सपना सच होने" जैसा बताया, और कहा कि घरों के साथ-साथ बिजली और पानी जैसी अन्य सभी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

आरएवाई नगर 350 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और 30 हजार घरों की परियोजना में सात पानी के टैंक, एक सीवेज उपचार संयंत्र, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा, एक सरकारी स्कूल और एक अस्पताल, अच्छी आंतरिक सड़कें और अन्य नागरिक सुविधाएं भी होंगी।

हालांकि पूर्ववर्ती कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शासन ने कॉलोनी बनाने का फैसला किया था, लेकिन यह लटका रहा और 2014 के बाद ही, जब भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पदभार संभाला, तो परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया गया और उन्होंने इसे पीएमएवाई के तहत भी शामिल कर लिया।

इस परियोजना को कोविड-19 महामारी के दौरान और 2019 में सरकार बदलने के दौरान एक और बड़ी देरी का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिरकार यह योजना पूरी हुई और शुक्रवार को पीएम मोदी द्वारा लॉन्च की गई।

सोलापुर देश में बीड़ी विनिर्माण केंद्रों में से एक है। प्रधानमंत्री परिसर में कुछ मॉडल घरों में भी गए और काम पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की, जिससे हजारों बीड़ी निर्माताओं को लाभ होगा।

पीएम ने इस अवसर पर 10 हजार लोगों को पीएम-स्वनिधि योजना की पहली और दूसरी किस्त भी वितरित की, आठ अमृत (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

लाभार्थियों को नए घर की चाबियां वितरित करते समय पीएम मोदी एक समय भावुक भी हो गये थे।


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