Top
Begin typing your search above and press return to search.

मणिपुर के 5 जिलों में 24 घंटे के बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त

मणिपुर के पांच घाटी जिलों में शनिवार को बंद के दौरान सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा

मणिपुर के 5 जिलों में 24 घंटे के बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त
X

इम्फाल। मणिपुर के पांच घाटी जिलों में शनिवार को बंद के दौरान सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। हालांकि, पर्वतीय जिले बंद से अप्रभावित रहे।

दरअसल, विभिन्न मैतेई संगठनों ने जातीय हिंसा पर एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का तत्काल सत्र बुलाने की मांग को लेकर 24 घंटे का बंद बुलाया।

24 घंटे के बंद से पांच घाटी जिलों में इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबर, बिष्णुपुर और काकचिंग में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय के अलावा बैंक बंद रहें। सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर सड़क पर गाड़ियां नहीं दिखी।

बंद के दौरान पांचों जिलों से कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। बंद के संयोजकों में शामिल एल बिनोद ने कहा कि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए "सरकार पर दबाव" देने के उद्देश्य से हड़ताल बुलाई गई थी।

इसी बीच मणिपुर सरकार ने 21 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाया है। पिछला सत्र मार्च में आयोजित किया गया था।

एल. बिनोद ने मीडिया से कहा कि विधानसभा सत्र बहुत पहले और संसद के मानसून सत्र समाप्त होने से पहले बुलाया जाना चाहिए। जिससे सदन में एक उपयुक्त प्रस्ताव अपनाया जा सके और प्रस्ताव को संसद में भेजा जा सके।

3 मई से अब तक 170 से ज्यादा लोगों की मौत :-

मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा भड़की थी। अब तक 170 से अधिक लोग मारे गए हैं और 600 से अधिक घायल हो गए। घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सरकारी भवनों समेत अन्य संपत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

विभिन्न समुदायों के 70,000 से अधिक लोग अपने घरों और गांवों से विस्थापित हो गए हैं। इन लोगों ने मणिपुर, असम और मिजोरम सहित कई अन्य पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों में राहत शिविरों में शरण ली है।

हाल में मैतेई और कुकी-ज़ोमिस के बीच जातीय हिंसा फिर भड़की थी। संघर्ष के दौरान मारे गए आदिवासियों को सामूहिक रूप से दफनाने की घोषणा पर तनाव बढ़ गया था।

मणिपुर उच्च न्यायालय ने प्रस्तावित दफन स्थल पर यथास्थिति बनाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद चुराचांदपुर में गुरुवार को होने वाले सामूहिक दफन को स्थगित कर दिया गया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it