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राजस्थान के भेरुनाथ मंदिर के दानपात्र से मिले 23 लाख रुपये, कुवैत की दिनार, 10 ग्राम सोना, 5 किलो चांदी

राजस्थान में राजसमंद जिले के प्रसिद्ध ढेलाना भेरुनाथ मंदिर का दानपात्र शुक्रवार को खोला गया। इसमें 23 लाख 31 हजार रुपए कैश, कुवैत की दिनार, 10 ग्राम सोना और 5 किलो चांदी के जेवरात निकले

राजस्थान के भेरुनाथ मंदिर के दानपात्र से मिले 23 लाख रुपये, कुवैत की दिनार, 10 ग्राम सोना, 5 किलो चांदी
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राजसमंद। राजस्थान में राजसमंद जिले के प्रसिद्ध ढेलाना भेरुनाथ मंदिर का दानपात्र शुक्रवार को खोला गया। इसमें 23 लाख 31 हजार रुपए कैश, कुवैत की दिनार, 10 ग्राम सोना और 5 किलो चांदी के जेवरात निकले।

ढेलाणा भेरुनाथ मंदिर के दानपात्र की गिनती तहसीलदार और विकास अधिकारी की मौजूदगी में हुई। ट्रस्ट के महासचिव भैरूलाल कुमावत ने बताया कि दान पात्र से 23, लाख 31 हजार रुपए समेत विदेशी मुद्रा एक कुवैती दिनार भी निकली। 10 ग्राम सोना और लगभग 5 किलो चांदी के जेवरात भी मंदिर में भेंट स्वरूप चढ़ाए गए।

कई घंटों तक मंदिर के प्रांगण में दानपात्र से निकले पैसों की गिनती हुई। नोटों की गिनती में मंदिर के पदाधिकारी और कई विभाग के अधिकारी की मौजूदगी में हुई। नोटों को गिनकर एक तसले में रखा गया। इसके बाद इसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। वहीं कुवैत की दिनार समेत सोने और चांदी के आभूषण को भी सुरक्षित जगह पर रख दिया गया।

इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीश पालीवाल, महासचिव भैरूलाल कुमावत उप कोषाधिकारी भानु प्रकाश साहू, भू अभिलेख निरीक्षक इम्तियाज मोहम्मद ,आर आई केसुलाल गुर्जर, आर आई किसन सिह, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी अजय शर्मा, पीईओ युवराज सिंह, पटवारी बलबीर सिंह मौजूद रहे।

बता दें कि राजसमंद जिले के आमेट में ढेलाणा भेरूनाथ धाम मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। भक्त लंबी कतार में दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं और फिर दर्शन पूजन करते हैं। भैरूनाथ जी मंदिर पर श्रद्धालु हर साल लाखों का चढ़ावा भी चढ़ाते हैं।

भक्त यहां आकर भेरूनाथ से अपनी इच्छाओं की पूर्ति, सुख-शांति और समृद्धि की मनोकामना करते हैं। नवरात्रि और अन्य पर्व पर मंदिर के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरण और भोज का भी आयोजन होता है। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए उमड़ती है। लोग पूजा-अर्चना करने के बाद सांस्कृतिक और कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं और भक्ति रस में लीन हो जाते हैं। खास अवसर पर मंदिर प्रबंधन भक्तों को प्रसाद और भोजन भी उपलब्ध कराता है।


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