जिम्नास्टिक में 23 छात्राओं ने मारी बाजी
पेण्ड्रा विकासखण्ड स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग कन्या उच्च.मा.वि. की 23 छात्राओं ने 17वीं राज्य स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में एक बार फिर जिम्नास्टिक प्रतियोगिता के तीनो वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया

पेण्ड्रा/कोटमीकला। पेण्ड्रा विकासखण्ड के ग्राम सकोला कोटमी स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग कन्या उच्च.मा.वि. सकोला की 23 छात्राओं ने 17वीं राज्य स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में एक बार फिर जिम्नास्टिक प्रतियोगिता के तीनो वर्ग में प्रथम स्थान हासिल कर विद्यालय का परचम राज्य स्तर पर फहराया है। असुविधाओं और तकलीफों के बीच जिम्नास्टिक जैसे तकनीकी खेल में इस विद्यालय की छात्राऐं बीते 17 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में छत्तीसगढ राज्य की ओर से प्रतिनिधित्व करती रही है परंतु भारी भरकम खेल बजट वाले छत्तीसगढ के खेल विभाग ने इन आदिवासी किसानों की बेटियों को आगे बढाने के लिये कभी कोई योजना नही बनाई और न ही आर्थिक रूप से प्रोत्साहित किया।
दूरदराज गावों से सायकल चलाकर सकोला गांव में रोजाना पढने आने वाली इन आदिवासी बालिकाओं पर छत्तीसगढ़ सरकार की अभी तक नजर नही पड़ी है। इसके बावजूद आदिवासी किसानों की इन बेटियों का हौसला बुलंद है। इस विद्यालय की वर्षारानी को 19 वर्ष आयु श्रेणी में जिम्नास्टिक का सर्वश्रेश्ठ खिलाड़ी तथा 17 वर्ष आयु श्रेणी में राजकुमारी अयाम को श्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया है।
बीते 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक गुरूकुल परिसर पेण्ड्रारोड में राज्य स्तरीय 17वीं खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जिम्नास्टिक खेल में 19 वर्ष बालिका जिम्नास्टिक में प्रथम पुरस्कार वर्षा रानी वाकरे एवं उनकी टीम वर्षा मेश्राम, प्रीति मार्को, हेमवती सेंद्राम, कुसुमलता, संतोषी, सरिता, को मिला।
वहीं 17 वर्ष बालिका जिम्नास्टिक में प्रथम पुरस्कार राजकुमारी एवं उसकी टीम के सदस्य प्रीति नेटी, लक्ष्मी, उनिषा, कविता, टेकवती तथा सविता को मिला। वहीं 14 वर्ष बालिका जिम्नास्टिक प्रतियोगिता अंजनी अर्मो की टीम के सदस्य नोमिता धुर्वे, सीमा मराबी, इच्छा, लकेष्वरी ने प्रथम स्थान बनाया। रिदमिक जिम्नास्टिक में अंजू एवं रूबी ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि इस विद्यालय की छात्राएं पिछले 17 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर जिम्नास्टिक में नाम कमा रही है उसके बावजूद इस विद्यालय में जिम्नास्टिक की सुविधा प्रदान नही करना सरकार एवं शासन का उपेक्षापूर्ण व्यवहार प्रदर्षित करता है।
जिम्नास्टिक जैसे तकनीकि खेल के लिये एक ही विद्यालय की 23 छात्राओं का राज्य एवं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में चयनित होना अपने आप में गौरव की बात है। ये आदिवासी छात्राएं दूरदराज गावों से सायकल चलाकर अपने विद्यालय पहुंचती है। कुछ छात्राएं छात्रावास में रहती है तथा ये सभी आदिवासी किसानंो की बेटियां है जिनके पास सीखने के लिये न तो उचित उपकरण और न ही डनलप की गद्दे।
जो गद्दे है वे फटे है। सरकारी घटिया बेंच के उपर गद्दे डालकर बगैर किसी विषेशज्ञ कोच के ये छात्राऐं किसी तरह प्रेक्टिस करके राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर जिम्नास्टिक में विद्यालय एवं क्षेत्र का नाम रोषन कर रही है। इसके बावजूद इन छात्राओं को प्रोत्साहन नही मिल रहा है। किसान वर्ग की ये आदिवासी बेटियां सीमित साधनो से शहरों की बेटियों से प्रतिस्पर्धा कर आगे बढ रही है पर छत्तीसगढ शासन का खेल एवं शिक्षा विभाग इन्हे आगे बढाने की कोई योजना पर काम नही कर रहा है।
अलबत्ता एक पंचायत शिक्षक निशा पाण्डे इन छात्राओं को इन खेल प्रतियोगिताओं में षामिल होने के लिये भरपूर प्रोत्साहन कर रही है तथा उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने में मदद करती है परंतु अपनी छात्राओं के सीमित साधनो और उनकी खेल प्रतिभा को देखकर कई बार वह दुखी भी रहती है। जहां एक ओर अगले साल छत्तीसगढ में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना है जिस पर करोड़ो रूपये खर्च करने की योजना राज्य सरकार द्वारा अभी से तैयार कर ली गई है। वहीं जिम्नास्टिक जैसे तकनीकी खेल में 17 साल से नाम रोशन करने वाली गावों की इन बेटियों को जिम्नास्टिक के बुनियादी खेल समान तक उपलब्ध नही है। ऐसे में सरकार की खेल नीति पर भी प्रष्न उठना स्वाभाविक है।
वर्षारानी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित
19 वर्ष बालिका जिम्नास्टिक में प्रथम पुरस्कार पाने वाली वर्शारानी वाकरे को अपने आयु समूह में सर्वश्रेष्ठ खिलाडी का पुरस्कार भी मिला है। वर्षारानी आदिम जाति कल्याण विभाग कन्या उच्च.मा.वि. सकोला में कक्षा 12वीं विज्ञान संकाय की छात्रा है। यह छात्रा मरवाही के ग्राम पथर्रा से सायकल चलाकर विद्यालय पहुंचती है तथा पढाई के अलावा वह जिम्नास्टिक की प्रेक्टिस करती है।
वर्षारानी के पिता लालसिंह वाकरे एवं मॉ मीनाबाई किसान होने के बावजूद अपनी बेटी का भरपूर प्रोत्साहन करते है। अपने इस सफलता का श्रेय वर्षा अपने कोच रितेश सिंह तथा राजकुमार अर्मो, शिक्षिका निशा पाण्डे, विद्यालय के प्राचार्य एएस पैकरा एवं प्रधानपाठक केआर सिंह तथा अपने माता पिता को देती है। इसी तरह 17 वर्श बालिका जिम्नास्टिक में प्रथम पुरस्कार पाने वाली राजकुमारी अयाम को अपने आयु समूह में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला है। राजकुमारी अयाम आदिम जाति कल्याण विभाग कन्या उच्च.मा.वि. सकोला में कक्षा 9वीं की छात्रा है तथा उसके पिता नारायण सिंह एवं मॉ यामबाई किसान है जो उसे प्रोत्साहित करते है।


