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बालोद में 22 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले का मामला उजागर

आईडीएसएमपी योजनांतर्गत जिला मुख्यालय की जेल की पीछे 22 एकड़ जमीन लोगों के द्वारा रजिस्ट्री कराने के बाद भी जमीन नही मिलने के चलते घोटाले की भेंट चढ़ गई

बालोद में 22 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले का मामला उजागर
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बालोद। आईडीएसएमपी योजनांतर्गत जिला मुख्यालय की जेल की पीछे 22 एकड़ जमीन लोगों के द्वारा रजिस्ट्री कराने के बाद भी जमीन नही मिलने के चलते घोटाले की भेंट चढ़ गई। और जमीन रजिस्ट्री कराने वाले सैकड़ो व्यक्ति आज न्यायालय की शरण में पड़ा हुआ है। वहीं न्यायालय के आदेश का भी स्थानीय नगर प्रशासन को कोई फर्क नही पड़ रहा है।

जिसके चलते जिन लोगों ने उक्त जमीन को प्राप्त करने के लिए बैंको से ऋण लेकर सोने चांदी गिरवी रखकर तथा सेठ साहूकारों से कर्ज लेकर खरीदी करते हुए रजिस्ट्री किया है, वे अब काफी तनाव में आ चुके हैं, तथा कोर्ट के आदेश का अवमानना जिला प्रशासन नगर पालिका किये जाने के चलते अब शिकायतकर्ता व आवेदकगण 15 दिनों के अंदर जमीन की सकारात्मक पहल नही करने पर अवमानना की प्रकरण दर्ज कराने की चेतावनी दे डाली है।

वहीं इस संबंध में विगत एक सप्ताह पूर्व बालोद नगर पालिका अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ताओं को अपने चेम्बर में बुलाकर इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है, परंतु वह भी अब झूठी सांताव्ना प्रदर्शित होने लगी है।

आवेदक चेतन कुमार यादव, अशोक कुमार साहू ने बताया कि 2008 में बालोद जिला मुख्यालय के जेल के पीछे लगभग 22 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री बालोद नगर के नौकरी पेशा, शासकीय कर्मचारी, व्यवसायी व सामान्य वर्ग के लोगों को बालोद नगर पालिका द्वारा कम दर पर जमीन दिलाने का लालच देकर रजिस्ट्री कराया गया था। जहां रजिस्ट्री में सड़क पानी, बिजली, प्रकाश, नल व्यवस्था का जिक्र किया गया था।

परंतु जमीन की खरीदी के बाद जमीन विक्रय करने वालो ने अब तक इस संबंध में किसी प्रकार का पहल नही किया गया। जिसके चलते जमीन क्रय करने वाले व्यक्तियों ने जमीन की मांग के संबंध में नगर सुराज, जन दर्शन, मुख्यमंत्री राज्यपाल से इस संबंध में अपील भी कर चुके हैं, परंतु किसी प्रकार की कोई पहल नही होते देख इन लोगों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में एक रिट याचिका दायर किया जिसके बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला 25 जुलाई 2017 को आवेदकों के पक्ष में सुनाया और आदेश किया गया कि 30 दिनों के भीतर जमीन संबंधी रजिस्ट्री करने वालो को उनका हक दिलाया जाए पर अब तक हाई कोर्ट के आदेश का पालन न ही जिला प्रशासन कर पाया न ही बालोद नगर पालिका।

शिकायतकर्ता यशवंत साहू, चेतन यादव अशोक साहू ने देशबंधु को एक भेंट में बताया कि नगर पालिका परिषद् द्वारा 2008 में बालोद उप जेल के पीछे स्थित खसरा नंबर 918 रकबा 8.910 हेक्टे/22.02 एकड़ शासकीय भूमि पर आईडीएसएमटी योजना एमआईजी व ईडब्लूएस श्रेणी का आवास बनाकर आम नीलामी बनाकर तीस वर्षीय पट्टे पर दी जाने की मांग राज्यपाल से की गई थी।

शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि पूर्व नगर पालिका अधिकारी द्वारा एक ही व्यक्ति के नाम पर दो से चार जमीन रजिस्ट्री किया गया था परंतु अब नगर पालिका व जिला प्रशासन के पास वर्तमान में लेटर भी पहुंच चुका है कि इस मामले में अतिशीघ्र कार्यवाही करें। इस संबंध में बालोद नगर पालिका अधिकारी रोहित साहू से संपर्क करने पर कहा कि शासन के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी।


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