यमुना के 21 हजार आवंटियों को ऑनलाइन मिलेगी पूरी जानकारी
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सेक्टर-18 व 20 के 21 हजार आबंटियों को अब अपने भूखंड की जानकारी लेने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सेक्टर-18 व 20 के 21 हजार आबंटियों को अब अपने भूखंड की जानकारी लेने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आबंटियों को घर बैठे भूखंड की पूरी जानकारी प्राधिकरण की बेवसाइट पर मिल जाएगी कि भूखंड की यथास्थिति क्या है। जिन भूखंडों पर कोई स्थगनादेष नहीं है उसकी पूरी सूची उपलब्ध कराई जाएगी। जिस पर कोर्ट का स्थगनादेष है उसकी भी सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण 2009 में सेक्टर-18 व 20 में 21 हजार भूखंडों की योजना निकाली थी। प्राधिकरण ने आबंटियों को 2013 तक भूखंड पर कब्जा देने का वादा किया था। जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों को आंदोलन शुरू होने और जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों को कोर्ट में चले जाने पर प्राधिकरण आबंटियों को भूखंड पर समय से कब्जा नहीं दे पाया। सेक्टर-18 में करीब 1400 भूखंडों पर कब्जा देने का रास्ता साफ हो गया हे।
किसानों को कोर्ट से स्थगनादेश वापस लेने के बाद प्राधिकरण ने अतिरिक्त मुआवजा देकर जमीन पर कब्जा देने शुरू कर दिया है। वहां पर प्राधिकरण ने विकास कार्य शुरू करा दिया है। भटटा व पारसौल गांव में आने वाले सेक्टर के भूखंडों को प्राधिकरण ने दूसरे सेक्टर में शिफ्ट कर दिया है। सेक्टर-20 में अभी प्राधिकरण को सभी जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है। किसानों को कोर्ट से याचिका वापस नहीं लिया है। प्राधिकरण की तरफ से प्रयास चल रहा है कि किसानों को समझा बुझा कर कोर्ट से याचिका वापस लेकर उन्हें अतिरिक्त मुआवजा देकर जमीन पर कब्जा दे दिया है।
प्राधिकरण की तैयारी है दिसंबर 2018 तक सभी 21 हजार आबंटियों को भूखंड पर कब्जा दे दिया है। इस योजना में देश के कोने-कौने से लोगों ने भूखंड आबंटित कर रखा है। आबंटियों की लगातार शिकायत मिल रही थी कि प्राधिकरण की वेबसाइट पर उनके भूखंड के बारे में यथास्थिति के बारे में बारे नहीं मिल पाई।
प्राधिकरण ने ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बृहस्पतिवार को आदेश कर दिया है कि भूखंड नंबर के आधार पर आबंटियों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए कि उनके भूखंड पर कोई विवाद नहीं है। जिन आबंटियों के भूखंड पर अभी कोर्ट का स्टे है जिसके कारण कब्जा नहीं मिल पा रहा है और विकास कार्य शुुरू नहीं हो पा रहा है उसकी यथास्थिति पर वेवसाइट पर उपलब्ध कराई जाए,। जिससे आबंटियों को घर बैठे पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाए और उन्हें प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े
भूखंड देखने के लिए प्राधिकरण उपलब्ध होगी गाड़ी
आवासीय भूखंड के आबंटियों को अगर अपने भूखंड के बारे में मौके पर जाकर यथास्थिति देखने है तो उन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण कार्यालय से वाहन उपलब्ध कराएगा। आबंटी प्राधिकरण की गाड़ी की जाकर सेक्टर का दौरा कर अपने भूखंड का यथास्थिति के बारे में मौके पर जाकर जानकारी ले सकते है।


