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2024 के चुनाव को एक आंदोलन की तरह लड़ना होगा : दीपंकर

भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को एक आंदोलन की तरह लड़ना होगा

2024 के चुनाव को एक आंदोलन की तरह लड़ना होगा : दीपंकर
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पटना। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को एक आंदोलन की तरह लड़ना होगा।

श्री भट्टाचार्य ने रविवार को यहां जगजीवन राम शोध संस्थान में ‘आजादी के 75 साल : देश किधर’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में कहा कि आज जो आपदा हमारे सामने है, उसके प्रति पहले रेस्क्यू और फिर पुनर्निर्माण की लड़ाई लड़ी होगी। फासिस्ट ताकतें केवल पांच या पचास साल नहीं बल्कि अगले सौ साल तक की सोच रही है। ऐसे में लोकतंत्र की हिमायती ताकतें महज चुनाव के नजरिए से चीजों को नहीं देख सकती बल्कि हमें भी इसे एक युद्ध और एक आंदोलन के बतौर देखना होगा।

माले के महासचिव ने कहा कि आजादी की परिभाषा हमारे लिए भी अब बदलनी चाहिए। संविधान में जो हमारे लक्ष्य हैं, ठीक उस तरह का देश बनाने की लड़ाई लड़नी होगी। पुराने को केवल बहाल करने की बात से काम नहीं चलेगा। फासीवाद का जो विध्वंस है, उसका कहीं कोई अंत नहीं है। जितना ज्यादा वे कर सकते हैं, कर चुके हैं. अब इससे हमें सीधे तौर पर टकराना होगा।

बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद ने कहा कि बिहार से एक उम्मीद की रोशनी फैली है। बिहार आंदोलनों की धरती है और विपक्षी दलों की पहली बैठक यहीं हुई। दूसरी बैठक में ‘इंडिया बना। जो भी दल संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में हैं, वे इंडिया के साथ हैं।


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