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पाकिस्तान के लिए 2022 अर्थव्यवस्था और कारोबार के लिहाज से सबसे खराब साल रहा

साल 2022 का शनिवार को अंतिम दिन है। यह साल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए अर्थव्यवस्था और व्यापार लिहाज के से सबसे खराब साल रहा है

पाकिस्तान के लिए 2022 अर्थव्यवस्था और कारोबार के लिहाज से सबसे खराब साल रहा
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इस्लामाबाद। साल 2022 का शनिवार को अंतिम दिन है। यह साल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए अर्थव्यवस्था और व्यापार लिहाज के से सबसे खराब साल रहा है। वर्ष 2022 के दौरान आर्थिक मंदी के प्रकोप का सामना करने वाले सेक्टरों में कपड़ा उद्योग और इसके जुड़े सेक्टर, कृषि, आयात सामग्री-आधारित उद्योग और ऑटोमोबाइल शामिल हैं, जिससे पाकिस्तान में बेरोजगारी और नौकरी हानि की बड़ी लहर चल रही है।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान की मुद्रा कम से कम 49.31 रुपये गिर गई और ब्याज दर कम से कम 16 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 1998-1999 के बाद सबसे अधिक है। महंगाई दर 30 से 40 फीसदी के आसपास है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) फिलहाल 25 फीसदी के आसपास है। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष, वित्त वर्ष 2023 के पहले पांच महीनों के दौरान सेंसिटिव प्राइस इंडेक्स (एसपीआई) 28 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। कारोबारी समुदाय ने साल 2022 को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला साल करार दिया है।

पाकिस्तान बिजनेस फोरम (पीबीएफ) के सीईओ अहमद जवाद ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह उच्च समय है कि राजनीतिक दल 2023 के आम चुनाव से पहले कम से कम 15 वर्षों के लिए अर्थव्यवस्था के चार्टर पर सहमत हों ताकि व्यापारिक समुदाय और जनता को पता चल सके कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2023 अर्थव्यवस्था के लिए एक और चुनौतीपूर्ण वर्ष होगा। अहमद जवाद ने कहा कि पाकिस्तान एक छोटी अर्थव्यवस्था है और वह फ्री फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट पॉलिसी को अफोर्ड नहीं कर सकता।

अहमद ने आगे कहा कि हमें अपने रुपये को मजबूत करने के लिए बेलआउट की जरूरत है, जो देश में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने में एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। साल 2022 के पीछे पाकिस्तान में व्यापार के लिए सबसे खराब होने वाले अन्य फैक्टर में कोरोना वायरस महामारी, वैश्विक संघर्ष और जलवायु परिवर्तन हैं।

एसडीपीआई के कार्यकारी निदेशक आबिद कय्यूम सुलेहरी ने कहा कि पाकिस्तान के मामले में, शालीनता, लंबे समय से चली आ रही स्ट्रक्चरल वीकनेस और राजनीतिक गतिरोध ने आर्थिक संकट को बढ़ा दिया है। 2022 की अच्छी खबर यह है कि अंतर्निहित आर्थिक कमजोरियों के बावजूद पाकिस्तान ने अपनी बाहरी कर्ज कमिटमेंट पर चूक नहीं की। हालांकि, बुरी खबर यह है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण नहीं बल्कि अपने कर्ज के कारण डिफॉल्ट से बच गए।


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