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2020 तक एक करोड़ लोगों को पाईप से पहुंचाई जाएगी रसोई गैस : सर्राफ

सर्राफ के अनुसार दसवें दौर के सीजीडी विस्तार के लिये निविदाएं प्राप्त करने की अंतिम तारीख पांच फरवरी 2019 है तथा 28 फरवरी को निविदाएं खोली जाएंगी

2020 तक एक करोड़ लोगों को पाईप से पहुंचाई जाएगी रसोई गैस : सर्राफ
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चंडीगढ़। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड(पीएनजीआरबी) के अध्यक्ष दिनेश के सर्राफ ने कहा है कि देश में इस समय लगभग 46 लाख उपभोक्ताओं को पाईप से रसोई गैस(पीएनजी) की आपूर्ति की जा रही है तथा इस संख्या को वर्ष 2020 तक एक करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सर्राफ ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन(सीजीडी) के लिये निविदाआें के दसवें दौर के रोड-शो के बाद आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीजीडी के आठवें दौर तक देश की 20 प्रतिशत आबादी पीएनजी के अंतर्गत है तथा नौवें दौर के सफल बोलीदाताओं द्वारा काम पूरा किये जाने पर 26 प्रतिशत तथा दसवें दौरे के बाद 24 और आबादी पीएनजी नेटवर्क के अंतर्गत जा आएगी। उन्होंने बताया नौवां दौर पूरा होने पर देश में पीएनजी नेटवर्क विस्तार लगभग 46 प्रतिशत आबादी तथा दसवें दौरे के बाद यह 70 प्रतिशत आबादी तक पहुंच जाएगा।

सर्राफ के अनुसार दसवें दौर के सीजीडी विस्तार के लिये निविदाएं प्राप्त करने की अंतिम तारीख पांच फरवरी 2019 है तथा 28 फरवरी को निविदाएं खोली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 86 भौगोलिक क्षेत्रों में 21 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 174 जिलों के लिये हाल ही में सम्पन्न नौवां दौर बेहद सफल रहा है तथा इसमें बड़ी संख्या में निवेशकों ने रूचि दिखाई। इस दौर में कुल 406 आवेदन प्राप्त हुये तथा अंत में 34 सफल बोलीदाता रहे जिनमें नौ नई और दो अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां शामिल हैं। इन्होंने अगले आठ वर्षों में 2.21 करोड़ पीएनजी कनैक्शन देने और 4346 सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की प्रतिबद्धता दी हैॅ। दसवें दौर में 50 भौगोलिक क्षेत्रों के 124 जिलों के लिये पीएनजी नेटवर्क हेतु निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं।

सर्राफ ने बताया कि घरेलू, परिवहन और औद्योगिक क्षेत्रों के लिये नौवें दौर और दसवें दौर में उक्त नेटवर्क तैयार करने पर लगभग 70 हजार करोड़ रूपये और पचास हजार करोड़ रूपये का अनुमानित निवेश होगा जिससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि स्वच्छ इंधन का इस्तेमाल बढ़ने से प्रदूषण में कमी आएगी तथा औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन लागत में भी कमी आएगी। उन्हाेंने दावा किया कि पीएनजी पेट्रोल से 60 प्रतिशत तथा डीज़ल से लगभग 40 प्रतिशत सस्ती है।

एक सवाल पर उन्होंने बताया कि देश इस समय अपनी जरूरत की आधी पीएनजी का आयात कर रहा है लेकिन देश में तेल क्षेत्र की कम्पनियों ने इस दिशा में अनेक परियोजनाएं शुरू की हैं तथा इनके परवान चढ़ने पर जहां पीएनजी का उत्पादन बढ़ेगा वहीं भविष्य में इसके आयात में कमी भी आ सकती है।


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