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नाबालिग का विवाह कराने पर 2 साल कैद और एक लाख जुर्माना

 बाल विवाह रोकथाम हेतु जिले के निवासी से अपील हैे कि ''बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग करें, क्योंकि ''बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप के साथ ही साथ कानूनन प्रतिबंधित भी है

नाबालिग का विवाह कराने पर 2 साल कैद और एक लाख जुर्माना
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कोरबा। बाल विवाह रोकथाम हेतु जिले के निवासी से अपील हैे कि ''बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग करें, क्योंकि ''बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप के साथ ही साथ कानूनन प्रतिबंधित भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है। अत: जिले के समस्त नागरिकों से निवेदन है कि बाल विवाह संबंध में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों व अधिनियम अंतर्गत प्रावधानों का पालन करें-

बाल विवाह के लिए दण्ड़ का प्रावधान - बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु का पुरुष, यदि 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला से विवाह करता है, तो उसे 02 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है करता है अथवा उसमें सहायता करता है।

तो 02 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा देता है अथवा उसकी अनुमति देता है बाल विवाह में सम्मिलित होता है तो 02 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

विवाह शून्य घोषित करने का अधिकार - इस कानून के अनुसार बाल विवाह के बंधन में आने वाले बालक/बालिका को अपना विवाह शून्य घोषित करने का अधिकार है। 18 वर्ष से कम उम्र में शादी होने पर वर अथवा वधु अपने याचिका लगाकर विवाह को शून्य घोषित करा सकता है। ऐसी याचिका विवाह प्रतिषेध अधिकारी या मित्र-संरक्षक के माध्यम से भी न्यायालय में दायर की जा सकती हैं। वाद मित्र/संरक्षक के साथ साथ बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के माध्यम से याचिका दायर कर सकता है।

बाल विवाह निषेध करने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने की मजिस्ट्रेट की शक्ति - ऐसी कोई सूचना मिलने पर कि बाल विवाह तय किया गया है अथवा बाल विवाह किया जा रहा है, प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट ऐसे विवाह को रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी कर सकता है। निषेधाज्ञा के उल्लंघन में किया गया बाल विवाह प्रारंभ से ही शून्य होगा।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी - बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, के प्रावधानों के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी/महिला एवं बाल विकास अधिकारी/बाल विकास परियोजाना अधिकारी को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है।

बाल विवाह की सूचना - जिले में बाल विवाह की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व, संबंधित निकटतम चौकी/पुलिस थाना प्रभारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रिय अधिकारी/जिला बाल संरक्षण इकाई/कर्मचारी/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सरपंच/कोटवार टोल फ्री चाईल्ड हेल्प लाईन 1098, जिला पुलिस अधीक्षक कंट्रोल रुम नंबर 9479193399/07759222483/महिला हेल्प लाईन नंबर 181 आदि को दी जा सकती है।


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