विश्विद्यालय के परिसर पर 2 हज़ार करोड़ रुपये होंगे खर्च
अकबर भवन में चल रहे दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर फ़िलहाल बारह मुकदमे चल रहे हैं
नयी दिल्ली। श्रीलंका, नेपाल, बंगलादेश, अफगानिस्तान और भूटान जैसे देशों के छात्रों को गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए राजधानी के अकबर भवन में चल रहे दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर फ़िलहाल बारह मुकदमे चल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद 2019 तक इस परिसर का निर्माण हो जायेगा जिस पर दो हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
विदेश मंत्रालय के अधीन स्थापित इस विश्वविद्यालय की प्रेसिडेंट डॉ. कविता शर्मा ने यूनीवार्ता को बताया कि 2014 तक इस विश्वविद्यालय का परिसर बन जाना था लेकिन इसकी एक ईंट भी नहीं रखी गयी थी लेकिन अब इस परिसर के लिए भवन निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और 2019 तक निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।
इस विश्वविद्यालय में कुलपति की जगह प्रेसिडेंट का पद होता है। डॉ शर्मा ने बताया कि इसके परिसर के निर्माण कार्य के लिए कई विभागों और मंत्रालयों से अनापत्ति प्रमाण प्राप्त करने थे इस कारण भी निर्माण कार्य में विलम्ब हुआ लेकिन उनके पदभार संभालने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ और 2015 में मैदानगढ़ी में चहारदीवारी बन पाई।
93 एकड़ भूमि में बनने वाले इस परिसर की 43 एकड़ भूमि विवादस्पद थी। नया भूमि अधिग्रहण कानून बनने से स्थानीय किसानों ने भूमि के मुआवज़े को लेकर बारह मुकदमे भी कर दिए।
इन मुकदमों को निबटाया जा रहा है। उसके लिए सरकार तत्परता से काम कर रही है और पूरी उम्मीद है कि 2019 के प्रारंभ में पांच भवन और 2019 के अंत तक सात और भवन बन जायेंगे। इनमें प्रशासनिक भवन, पुस्तकालय, सम्मलेन सभागार के अलावा गणित विभाग, विधि विभाग, भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा मानविकी विभाग के भवन भी शामिल हैं।


