भारत और अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ बैठक आज शुरू
भारत-अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ बैठक आज यहां शुरू हुई जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तथा रक्षा

नयी दिल्ली। भारत-अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ बैठक आज यहां शुरू हुई जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तथा रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भाग ले रहे हैं।
Promoting synergy in our diplomatic and security efforts! EAM @SushmaSwaraj, US Secretary of State @SecPompeo, Raksha Mantri @nsitharaman and US Secretary of Defence James Mattis pose for a group photograph before the inaugural 2 + 2 Dialogue in New Delhi. pic.twitter.com/ByCh2i50Kw
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 6, 2018



जवाहरलाल नेहरु भवन स्थित विदेश मंत्रालय में हो रही बैठक के पहले करीब एक घंटे स्वराज और पोम्पियो के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। करीब 11 बजे दोनों देशों के रक्षा मंत्री वहां पहुंचे और इसके साथ ही टू प्लस टू रणनीतिक वार्ता आरंभ हो गयी। इससे पहले चारों मंत्रियों ने एक साथ तस्वीरें खिंचवाईं। बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य होगा। बाद में इन मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात होगी।
दो चरणों में होने वाली इस बैठक में भारत-अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी वाले नवान्वेषण एवं व्यापार का रास्ता खुलने तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को समावेशी, सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं सबके लिए समान रूप से खुला बनाने के नये रोडमैप पर चर्चा होने की संभावना है।
भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को समावेशी, सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं सबके लिए समान रूप से खुले क्षेत्र के रूप में देखना चाहता है। इसके अलावा आतंकवाद निरोधक कार्रवाई, ऊर्जा सुरक्षा और सामरिक साझीदारी पर बातचीत होने की संभावना है। आतंकवाद निरोधक उपायों पर भी चर्चा होगी। चूंकि पोम्पियो भारत के पहले इस्लामाबाद हाेकर आये हैं। सरकार पाकिस्तान की नयी इमरान खान सरकार के बारे में उनके विचार भी जानना चाहती है।
अमेरिका ने गत वर्ष भारत को प्रमुख रक्षा साझीदार का दर्जा दिया था और इस साल सामरिक प्रौद्योगिक समझौता (एसटीए) 1 का दर्जा दे दिया है जिससे दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकी को भारत को बिना रोक-टोक हस्तांतरित करना संभव हो गया है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में नवान्वेषण और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार एवं प्रौद्याेगिकी पहल को आगे बढ़ाने को लेकर भी बात होगी। इसके अलावा इस्पात एवं अल्युमिनियम आदि पदार्थों पर शुल्क का मुद्दा भी व्यापारिक मसलों में शामिल रहेगा।
संचार सुसंगतता एवं सुरक्षा समझौते (कॉमकासा) के बारे में भी प्रगति होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। अमेरिका ने हाल ही में डाटा सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है।
रूस से एस-400 मिसाइल कवच के सौदे, ईरान से तेल अायात और चाबहार बंदरगाह परियोजना को अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखने के लिए भी बातचीत होगी। बैठक के पहले भारत ने संकेत दे दिए हैं कि इन तीनों मुद्दों पर भारत स्वतंत्र फैसला लेगा क्योंकि इससे उसके आर्थिक सामरिक विकास पर सीधा असर होता है। भारत का कहना है कि अगर अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भारत को सशक्त देखना चाहता है तो उसके हितों का ख्याल रखा जाना चाहिए।


