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मप्र में कर्ज़ से परेशान 2 और किसानों ने आत्महत्या की

मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है, बुधवार को दो और किसानों ने कर्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली

मप्र में कर्ज़ से परेशान 2 और किसानों ने आत्महत्या की
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भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है, बुधवार को दो और किसानों ने कर्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। होशंगाबाद जिले में किसान ने जहर खाकर और शिवपुरी जिले में फांसी के फंदे से लटकर जान दे दी। पुलिस ने यह जानकारी गुरुवार को दी।

इस तरह तीन दिनों में छह किसानों ने जान दे दी। पुलिस के अनुसार, बावई थाना क्षेत्र के चपलासर का किसान नर्मदा प्रसाद यादव (50) अपने भाई के साथ बुधवार को मंडी में मूंग बेचने आया था, मगर अशोक किसी काम से वहां से चला गया। नर्मदा का भाई अशोक जब लौटकर आया तो उसे बड़ा भाई इब्राहिम चौक के पास एक किराने की दुकान के पास बेहोशी की हालत में मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। इसके बाद नर्मदा को अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात मृत घोषित कर दिया गया।

कोतवाली थाने के प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया, "परिजन बताते हैं कि नर्मदा पर किसी सूदखोर का 50 हजार रुपये का कर्ज था। कर्ज चुकाने के लिए सूदखोर उस पर दबाव बना रहा था और रकम के एवज में नर्मदा से ट्रैक्टर मांग रहा था। इससे वह परेशान था, शायद इसी के चलते उसने जहर खा लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।"

बुधवार को ही शिवपुरी जिले के बिनेका गांव में कल्ला नाम के किसान का शव पेड़ से लटका मिला। परिजनों के अनुसार, उसके पास सवा दो बीघा जमीन है, पिछले तीन साल से सूखा के कारण उस पर कर्ज भी बढ़ गया था, जिससे वह परेशान था। इसी के चलते उसने फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली।

इंदार थाने के प्रभारी एस.बी. शर्मा ने आईएएनएस से कहा है कि कल्ला शराब पीने का आदी था और तांत्रिक क्रियाएं करता था। उस पर किसी तरह का कर्ज नहीं है। आशंका है कि उसने तांत्रिक क्रिया के चलते ही आत्महत्या कर ली होगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

राज्य में एक से 10 जून तक किसानों का आंदोलन चला, वे कर्जमाफी और फसलों के वाजिब दाम की मांग कर रहे हैं। इन मांगों पर राज्य सरकार से अभी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वहीं राज्य के कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने स्पष्ट कह दिया है कि कर्जमाफी की कोई योजना नहीं है।

आंदोलन खत्म होने के बाद राज्य में किसानों की आत्महत्या की खबरें आने लगी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के जजना गांव में कर्जदार दुलीचंद और विदिशा जिले के शमशाबाद थाने के जीरापुर के किसान हरि सिंह जाटव ने सोमवार को जहर खाकर और होशंगाबाद के भैरोपुर गांव के किसान माखन लाल ने मंगलवार की सुबह फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली थी।

बुधवार को बालाघाट जिले लालबर्रा थाना क्षेत्र के बल्हारपुर गांव के रमेश (40) ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। लगभग एक एकड़ जमीन के मालिक रमेश पर दो लाख रुपये का कर्ज था, जिससे वह मानसिक तौर पर परेशान था।


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