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पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ के 2 जवान शहीद

जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रविवार को पाकिस्तान की तरफ से की गई अंधाधुंध गोलीबाली व गोलाबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान शहीद हो गए

पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ के 2 जवान शहीद
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जम्मू/श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रविवार को पाकिस्तान की तरफ से की गई अंधाधुंध गोलीबाली व गोलाबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान शहीद हो गए, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। घायलों में 10 नागरिक हैं। अखनूर सेक्टर में की गई गोलाबारी का भारतीय पक्ष ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। दोनों तरफ से गोलीबारी पूरे आठ घंटे तक जारी रही, जिसके कारण प्रशासन को परगवाल और कानाचक उप-सेक्टर के गांवों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा, और पुलिस ने इस काम में बुलेटप्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया।

पुलिस महानिरीक्षक एस.डी. सिंह जामवाल ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी और गोलीबारी सुबह तड़के 3.30 बजे शुरू हुई और सुबह 11.30 बजे तक जारी रही।

पाकिस्तानी गोले परगवाल व कानाचक उप-सेक्टर में भारतीय सीमा के काफी अंदर तक गिरे।

पुलिस ने कहा कि अखनूर सेक्टर के परगवाल उपसेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में सहायक सब इंस्पेक्टर एस.एन.यादव और कांस्टेबल वी.के. पांडे शहीद हो गए।

पाकिस्तानी कार्रवाई से प्रभावित हुए इलाके में 30 गांव और 10 बीएसएफ चौकियां शामिल हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "घायल 10 नागरिकों और एक बीएसएफ जवान को जम्मू के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।"

घायलों को रक्त देने के लिए अस्पताल में नागरिकों की भीड़ उमड़ पड़ी।

रविवार के इस संघर्षविराम उल्लंघन से ठीक पांच दिन पहले दोनों देशों के बीच 2003 में हुए संघर्षविराम समझौते को ईमानदारी से लागू करने और अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर शांति सुनिश्चित करने पर सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सहमति बनी थी।

अखनूर सेक्टर में हुए इस संघर्ष के रुकने के बाद 30 से अधिक गांवों के निवासी अपने मवेशियों, खेतों और घरों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए घरों से बाहर निकल आए।

बीएसफ के महानिरीक्षक राम अवतार ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है, लेकिन बीएसफ ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ किसी भी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।

बीएसफ सूत्रों ने कहा कि गोलीबारी में पाकिस्तानी रेंजर्स की 10 चौकियां नष्ट हो गई हैं।

जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम को लागू करने पर सहमत होने के बाद भी गोलीबारी व गोलाबारी की।

महबूबा ने कहा, "सीमा के दोनों तरफ के लोग मर रहे हैं। सीमा पर शांति के लिए दोनों डीजीएमओ के बीच तत्काल वार्ता शुरू होनी चाहिए।"

उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कुछ प्रभावित गांवों का दौरा किया और अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की।

जानकार सूत्रों के अनुसार, इस बीच, राज्य के एक आईपीएस अधिकारी का भाई कथित तौर पर आतंकवादी समूहों में शामिल हो गया है।

खुफिया सूत्रों ने कहा कि शोपियां जिले के द्रागुद गांव का निवासी शम्स-उल-हक मेंगनू 26 मई से ही लापता है, लेकिन उसके परिवार ने उसके ठिकाने के बारे में जानने के लिए उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। मेंगनू श्रीनगर के एक कॉलेज से यूनानी चिकित्सा और सर्जरी की पढ़ाई पढ़ रहा है।

मेंगनू का भाई जम्मू एवं कश्मीर के बाहर सेवारत है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि यदि युवक के आतंकवादी बनने की बात सही साबित होती है, तो उसे मुख्य धारा में वापस लाने के सभी प्रयास किए जाएंगे।

अधिकारियों ने कहा कि सेना ने नियंत्रण रेखा पर केरन सेक्टर में रविवार को एक आतंकवादी को मार गिराया।


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