Top
Begin typing your search above and press return to search.

1984 सिख विरोधी दंगे में एक को फांसी, दूसरे को आजीवन कारावास

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख दंगों के एक मामले में यहां की पटियाला हाउस अदालत ने दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई।

1984 सिख विरोधी दंगे में एक को फांसी, दूसरे को आजीवन कारावास
X

नयी दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख दंगों के एक मामले में यहां की पटियाला हाउस अदालत ने आज दोषी यशपाल सिंह को फांसी और दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्र कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने 14 नवंबर को दोनों को हत्या, हत्या की कोशिश, लूटपाट, आगजनी और अन्य घाराओं में दोषी करार दिया था। इस मामले पर पहले 15 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 20 नवंबर के लिए निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडेय ने दोनों को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में महिपालपुर में एक नवंबर 1984 को दो युवकों हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी करार दिया था।

1984 के दंगों की जांच को 2015 में विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपा गया था। इसके बाद इन दंगों से जुड़े मामले में यह पहला निर्णय आया है। एसआईटी ने दोनों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।

मृतक हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष एक हलफनामा दायर कर शिकायत की थी। वर्ष 1993 में वसंत कुंज थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। दिल्ली पुलिस हालांकि साक्ष्य के अभाव में 1994 में इस मामले को बंद कर चुकी थी। बाद में एसआईटी ने जांच शुरू की और आज मामले का निर्णय आया।

सिख दंगों में 34 वर्ष के बाद यह पहला फैसला आया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it