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राज्य में पर्यटन विकास के लिए 1900 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत  : जयराम ठाकुर​​​​​​​

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कहा कि राज्य सरकार द्वारा घर-द्वार के समीप जन शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए आरंभ किए गए

राज्य में पर्यटन विकास के लिए 1900 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत  : जयराम ठाकुर​​​​​​​
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कहा कि राज्य सरकार द्वारा घर-द्वार के समीप जन शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए आरंभ किए गए जनमंच कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन प्रदेश सरकार की एक वर्ष के दौरान सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि एक साल के दौरान आम जनता की 22,000 से अधिक शिकायतों का जनमंच के माध्यम से निवारण किया गया है। जय राम ठाकुर ने गुरुवार को यहां जी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल द्वारा आयोजित 'हिमाचल वार्ता-रोडमैप अहेड' कार्यक्रम में भाग लेते कहा कि राज्य सरकार का पहला निर्णय वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए था, जिसमें पेंशन प्राप्त करने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया था, जिससे 1.30 लाख से अधिक व्यक्तियों को लाभ पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की विकासात्मक आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने एक वर्ष की छोटी सी अवधि के दौरान राज्य के कुल 68 में से 63 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो परिवार आयुष्मान भारत या अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजनाओं के अंतर्गत नहीं आते हैं उन परिवारों के लिए 'हिमकेयर योजना' आरम्भ की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन विकास के लिए एशियाई विकास बैंक द्वारा राज्य के लिए 1900 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र ने प्रदेश के लिए 9500 करोड़ रुपये से अधिक की विकासात्मक परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनसे राज्य में विकास की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी पर एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है और हमारा राज्य भी इसका अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 80 करोड़ रुपये के व्यय से युवाओं को निजी स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने को प्रोत्साहित करने के लिए 'मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना' आरम्भ की है। इस योजना के तहत 40 लाख रुपये के निवेश तक संयंत्र और मशीनरी पर 30 प्रतिशत तक का पूंजीगत उपदान प्रदान किया जा रहा है।


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