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दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर सुधारे जाएंगे नगर निगम के 18 सौ स्कूल

दिल्ली में नगर निगम के अंतर्गत आने वाले करीब 18 सौ स्कूलों को बेहतर बनाया जाएगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि इन स्कूलों की हालत काफी खराब है

दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर सुधारे जाएंगे नगर निगम के 18 सौ स्कूल
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नई दिल्ली। दिल्ली में नगर निगम के अंतर्गत आने वाले करीब 18 सौ स्कूलों को बेहतर बनाया जाएगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि इन स्कूलों की हालत काफी खराब है। दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर नगर निगम के इन स्कूलों में ढांचागत सुविधाओं और शिक्षा प्रणाली का विकास किया जाएगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के अधीन करीब 1800 स्कूल हैं, जिनकी हालत खराब है। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही हम इन स्कूलों को भी ठीक करना शुरू करेंगे। जिसके बाद एक तरह से दिल्ली पूरे देश का शिक्षा का हब बन जाएगा।

सीएम ने कहा कि मेरा सपना है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब पूरी दुनिया से लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली आया करेंगे। हम पुरी दुनिया के लिए दिल्ली को शिक्षा का केंद्र बनाएंगे।

इस बीच शुक्रवार को दिल्ली में सीबीएसई की 10वीं-12वीं परीक्षा में टॉप करने वाले 33 स्कूलों और 239 छात्रों के साथ 50 दिव्यांग छात्रों को एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने चार कटेगरी स्टेट बेस्ट, डिस्ट्रिक्ट बेस्ट, जोनल बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल और टॉपर्स स्टूडेंट्स कटेगरी में ये अवॉर्ड दिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोती नगर के सर्वोदय कन्या विद्यालय को स्टेट बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल अवॉर्ड से सम्मानित किया।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति का ही असर है कि अब हमारे स्कूल और छात्र लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में आप सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के चलते सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच की खाई खत्म हो गई है। दिल्ली में अब समान शिक्षा प्रणाली है। हम एमसीडी के 1800 स्कूलों को भी जल्द ठीक करेंगे और दिल्ली को पूरी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बनाएंगे।

सीएम ने कहा कि पहले दिल्ली में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी। एक सरकारी स्कूलों की थी और दूसरी प्राइवेट स्कूलों की थी। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बहुत खराब होता था। जहां गरीब से गरीब लोग मजबूरी में अपने बच्चों को भेजते थे। वहीं प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती थी। जिसके पास भी पैसा था, वो प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजता था। मुझे इस बात की खुशी है कि पिछले 7-8 साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयास के कारण सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच की खाई अब खत्म हो गई है।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के जनक मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी गिरफ्तारी के जरिए दिल्ली के शिक्षा मॉडल को रोकने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली के बच्चों के सपनों की उड़ान को रोकने की कोशिश की जा रही है। मैं शिक्षा विरोधी और समाज विरोधी राजनीतिक ताकतों से कहना चाहता हूं कि वो बच्चों की शिक्षा के रास्ते में रोड़ा न अटकाएं।

चयन समिति ने विभिन्न मापदंडों के आधार पर इन सर्वश्रेष्ठ स्कूलों को चयनित किया। चयन के दौरान समिति ने स्कूलों का निरीक्षण कर वहां छात्रों का नामांकन, बुनियादी ढांचा और सुविधाएं, विभिन्न गतिविधियों में छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी, सीबीएसई का परिणाम, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में छात्रों का प्रवेश, पुस्तकालय की स्थिति और छात्रों और काम करने वाले कर्मचारियों की औसत उपस्थिति का आंकलन करने के उपरांत चयन किया।


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