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मुरादाबाद में पथराव के आरोपी सात महिलाओं समेत 17 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बुधवार को मेडिकल टीम पर हमला करने वाले 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है

मुरादाबाद में पथराव के आरोपी सात महिलाओं समेत 17 गिरफ्तार
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बुधवार को मेडिकल टीम पर हमला करने वाले 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि डाॅक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मियों,सफाई अभियान से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों एवं जवानों पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 10 पुरुष और सात महिलाएं हैं।

उन्होने बताया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 188, 269, 270, 332, 353, 307, 504, 427, 506, 34, 323 तथा 324 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ क्रिमिनल लाॅ अमेण्डमेंट एक्ट की धारा-7, लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा-3, आपदा प्रबन्धन अधिनियम की धारा-51 तथा महामारी अधिनियम की धारा-3 के तहत भी अभियोग दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि मुरादाबाद के नागफनी क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को क्वारंटीन के लिये ले जा रहे मेडिकल स्टाफ और पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने पथराव कर दिया था। दरअसल, मुरादाबाद में 13 अप्रैल को एक कोरोना पाजीटिव मरीज की मौत हो गयी थी जिसके बाद चिकित्सकों की टीम मृतक के परिवार को संदिग्ध मानते हुये उन्हे क्वारंटीन सेंटर ले जा रही थी कि हाजी नेब की मस्जिद इलाके के नवाबपुरा में भीड़ ने डॉक्टरों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक डाक्टर समेत तीन स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए। मेडिकल टीम को बचाने आये पुलिसकर्मियों को भीड़ ने दौड़ा लिया।

उन्होने बताया कि उपद्रवियों के हमले पर डा.एस सी अग्रवाल और एक टेक्नीशियन गंभीर रूप से घायल हुये है जबकि अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को ईंट पत्थर के टुकड़े लगे।

मेडिकल टीम पर हमले पर गंभीर रूख अख्तियार करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने और सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिये थे। उन्होने कहा कि पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी एवं उनके द्वारा किए गए राजकीय सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई उनकी सम्पत्ति से की जाएगी।

उन्होंने जिला पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया कि ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करें और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅक्टर्स,मेडिकल स्टाफ और सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी एवं पुलिस के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं जिन पर हमले की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

गौरतलब है कि नागफनी क्षेत्र में नवाबपुरा निवासी सरताज आठ अप्रैल को तबीयत बिगडऩे पर तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज पहुंचा था। नौ अप्रैल को लिए सैंपल की 13 अप्रैल को देर शाम रिपोर्ट मिली, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। उसी दिन रात दस बजे उसकी मौत हो गई। सरताज के परिजनों को क्वारंटीन के लिए आइएफटीएम यूनिवर्सिटी ले जाया गया है।


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