16 गांव के किसानों को मिलेगा मुआवजा
ईस्टर्न पेरिपेरल एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहा गतिरोध खत्म हो गया

गाजियाबाद। ईस्टर्न पेरिपेरल एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहा गतिरोध खत्म हो गया।
समिति की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने 16 गांव के किसानों को मुआवजा देने के लिए सहमति दे दी। वहीं किसान भी जिला जज की अदालत से फाइल वापस लेने को तैयार हो गए।
इस परियोजना के लिए जिले के 16 गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन बढ़ा मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश था। इससे नाराज किसान भिकनपुर गांव के पास 43 दिन से धरने पर बैठे थे। मुआवजे के अलावा उनकी सर्विस रोड बनवाने की भी मांग थी। किसानों ने कई बार ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का काम भी बंद करा दिया था। नाराज किसान जिला जज की कोर्ट चले गए थे। साढ़े पांच सौ फाइलों की सुनवाई होनी थी।
जिलाधिकारी ने सर्विस रोड की मांग पूरी कर दी थी, लेकिन मुआवजे पर पेच फंस रहा था। जिलाधिकारी ने मुआवजे पर एक समिति गठित की थी। इसमें एनएचएआई के अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि समिति ने किसानों की मांग को वाजिब ठहराया। इसके बाद जिलाधिकारी ने मुआवजे देने पर सहमति जता दी।
किसान नेता मनोज नागर, दिनेश त्यागी, कृष्ण्पाल चौधरी और शिवराज त्यागी जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से मिले। किसानों ने जिला जज की कोर्ट से सभी फाइलें वापस लेने को तैयार हो गए।
अब यह फाइल डीएम कोर्ट में जाएगी। मनोज नागर ने बताया कि अभी धरना चल रहा है। गुरुवार को धरना स्थल पर बैठक की जाएगी। इसमें ही धरना खत्म करने का निर्णय लिया जाएगा।


