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झारखंड में 7 आदिवासियों की हत्या के लिए 15 लोग गिरफ्तार

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में आदिवासी समुदाय के सात सदस्यों की हत्या के लिए 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

रांची | झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में आदिवासी समुदाय के सात सदस्यों की हत्या के लिए 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों में गांव की पूर्व मुखिया के पति रांसी बुध और ग्राम प्रधान सुखराम बुध शामिल हैं। शुरुआत में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया और उनसे की गई पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था।

सोरेन ने दुमका में गणतंत्र दिवस पर अपने संबोधन में कहा था, "मैं पश्चिम सिंहभूम जिले की घटना से आहत हूं और किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"

पिछले सप्ताह पुलिस ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।

19 जनवरी को बुरुगुलीकेला गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा एक बैठक बुलाई गई थी। गुलीकेला पंचायत के उप प्रमुख जेम्स भूड़ ने पत्थलगड़ी समर्थकों का विरोध किया। कथित तौर पर छह अन्य लोगों के साथ उसका अपहरण कर लिया गया था। जब वे घर नहीं लौटे तो परिवार के सदस्यों ने उनकी हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इलाके में खबर फैल गई कि उन्हें मार दिया गया है। बाद में शवों को बरामद किया गया।

पत्थलगड़ी एक आदिवासी रिवाज है, जिसमें गांव की सीमा का सीमांकन करने के लिए कुछ स्थानों पर पत्थर लगाया जाता है। पत्थलगड़ी का इस्तेमाल 2016 में रघुबर दास की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए संशोधन का विरोध करने के लिए किया गया था। पत्थरों का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ नारे लिखने के लिए किया गया था।

सरकार के खिलाफ पत्थलगड़ी का समर्थन करने के लिए सैकड़ों लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

हेमंत सोरेन ने हालांकि अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सभी पत्थलगड़ी के मामलों को वापस ले लिया है।


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