15 अधिकारियों की नौकरी पर संकट
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इंडस्ट्री की जमीन का लैंडयूज बदलकर बिल्डरों को आवंटित करने के मामले में 25 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर्मियों को आरोप पत्र जारी कर दिए हैं

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इंडस्ट्री की जमीन का लैंडयूज बदलकर बिल्डरों को आवंटित करने के मामले में 25 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर्मियों को आरोप पत्र जारी कर दिए हैं।
इनमें से 15 पर गंभीर और 10 पर सामान्य आरोप लगे हैं। शासन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ को इसकी जांच कराने को कहा था। सीईओ के निर्देश पर ओएसडी विभा चहल ने करीब एक माह पहले सभी से स्पष्टीकरण मांगा था। उसके बाद अब आरोप पत्र देकर जवाब मांगे गए हैं। बता दें कि लैडयूज का यह मामला कोर्ट चला गया था।
कोर्ट के आदेश पर शासन ने इसकी जांच कराई है। 25 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर्मियों को आरोप पत्र जारी कर दिए हैं। इनमें से 15 पर गंभीर और 10 पर सामान्य आरोप लगे हैं। शासन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ को इसकी जांच कराने को कहा था। सीईओ के निर्देश पर ओएसडी विभा चहल ने करीब एक माह पहले सभी से स्पष्टीकरण मांगा था। उसके बाद अब आरोप पत्र देकर जवाब मांगे गए हैं। बता दें कि लैडयूज का यह मामला कोर्ट चला गया था। कोर्ट के आदेश पर शासन ने इसकी जांच कराई है।
बकाया रकम के फेर में फंसे छह हजार फ्लैट
ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिल्डरों के छह प्रोजेक्ट बनकर तैयार हैं। इनमें करीब छह हजार फ्लैट हैं। बिल्डर प्राधिकरण का बकाया पैसा जमा नहीं कर रहा, जिस पर प्राधिकरण ने कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने से रोक दिया है।
दरअसल, छह बिल्डरों ने किसी तरह फ्लैट तो बनाकर तैयार कर दिए, लेकिन जब तक कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं हो जाए तब तक खरीदारों को पजेशन नहीं मिल सकता। प्राधिकरण तब तक कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा जब तक उसे जमीन आवंटन का बकाया पैसा नहीं मिल जाता। इस वजह से छह प्रोजेक्ट के करीब 6000 फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी हुई है।


