Top
Begin typing your search above and press return to search.

कोरोना से जंग के बीच पीएम केयर्स के माध्यम से 1.5 लाख ऑक्सीकेयर सिस्टम खरीदे जाएंगे

पीएम-केयर्स फंड से 322.5 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ लाख ऑक्सीकेयर सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी गई है

कोरोना से जंग के बीच पीएम केयर्स के माध्यम से 1.5 लाख ऑक्सीकेयर सिस्टम खरीदे जाएंगे
X

नई दिल्ली। पीएम-केयर्स फंड से 322.5 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ लाख ऑक्सीकेयर सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी गई है। यह मरीजों के ऑक्सीजन स्तर के माप के आधार पर उन्हें दी जा रही ऑक्सीजन को नियंत्रित रखने के लिए डीआरडीओ की ओर से विकसित की गई एक व्यापक प्रणाली है। इस सिस्टम को दो पार्ट मे विकसित किया गया है।

इसके मूल वर्जन में 10 लीटर वाला ऑक्सीजन सिलेंडर, एक प्रेशर रेगुलेटर-सह-फ्लो कंट्रोलर, एक ह्यूमिडिफायर और नाक के लिए एक लघुनलिका होती है। ऑक्सीजन के प्रवाह को मैनुअल रूप से एसपीओ2 की रीडिंग के आधार पर नियंत्रित किया जाता है। इसके इंटेलिजेंट पार्ट में मूल वर्जन के अलावा एक लो प्रेशर रेगुलेटर के जरिए ऑक्सीजन के स्वत: नियंत्रण या समायोजन के लिए एक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल प्रणाली और एक एसपीओ2 प्रोब शामिल हैं।

इसके अलावा, ऑक्सीजन का ज्यादा प्रभावकारी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नॉन-रिब्रीथर मास्क (एनआरएम) को ऑक्सीकेयर सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 30-40 प्रतिशत ऑक्सीजन की बचत संभव हो जाती है। डीआरडीओ ने भारत में कई कंपनियों को यह तकनीक हस्तांतरित की है जो पूरे भारत में सभी के उपयोग के लिए ऑक्सीकेयर सिस्टम तैयार करेंगी।

वर्तमान चिकित्सा प्रोटोकॉल में समस्त गंभीर और अति गंभीर कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन थेरेपी की सिफारिश की गई है। ऑक्सीजन उत्पादन, ढुलाई और भंडारण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर अत्यंत प्रभावकारी साबित हुए हैं। कोविड महामारी की मौजूदा स्थिति में बड़ी संख्या में व्यक्तियों को ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता को देखते हुए केवल एक ही प्रकार के सिस्टम को हासिल करना व्यावहारिक नहीं हो सकता है।

डीआरडीओ ने एक विकल्प के रूप में हल्की सामग्री वाले पोर्टेबल सिलेंडरों का उपयोग करने का सुझाव दिया है जो सामान्य ऑक्सीजन सिलेंडरों के विकल्प के रूप में बड़ी आसानी से काम में लाए जा सकते हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it